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NEET-UG पेपर लीक मामला : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा, कहा – बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के सबूत नहीं

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नई दिल्ली, 10 जुलाई। केंद्र सरकार ने NEET-UG पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। सरकार ने इस हलफनामे में आईआईटी मद्रास के डेटा का हवाला देते हुए कहा है कि उसे परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के सबूत नहीं मिले हैं और वह दोबारा परीक्षा के समर्थन में नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होनी है सुनवाई

केंद्र ने कहा कि वह देशभर में नीट-UG दे चुके छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए बाध्य है। काउंसलिंग जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट नीट पेपर लीक मामले में गुरुवार (11 जुलाई) को सुनवाई करने वाला है।

केंद्र सरकार दोबारा परीक्षा के समर्थन में नहीं

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर हलफनामे में कहा कि वह दोबारा परीक्षा के समर्थन में नहीं है और यह सुनिश्चित कर रही है कि इस मामले में दोषी किसी भी उम्मीदवार को कोई लाभ न मिले। सरकार ने कहा कि NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित डेटा पर विस्तृत मूल्यांकन आईआईटी मद्रास द्वारा किया गया था और विश्लेषण से पता चलता है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है।

सरकार ने यह भी कहा कि डेटा विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि छात्रों के किसी भी कोचिंग सेंटर या किसी स्थानीय समूह को इसका लाभ नहीं मिला। केंद्र सरकार ने कहा कि उसने पारदर्शी तरीके से परीक्षाओं का संचालन करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था – नीट यूजी की पवित्रता से समझौता हुआ

इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG के दौरान कथित अनियमितताओं पर कहा था कि यह एक ‘स्वीकृत तथ्य’ है कि नीट यूजी 2024 की पवित्रता से समझौता हुआ है। पीठ ने इस प्रकरण को ‘परीक्षा की पवित्रता से समझौता’ मानते हुए कहा कि इसकी (प्रश्न पत्र सार्वजनिक होने) की व्यापकता निर्धारित होने के बाद तय किया जा सकता है कि संबंधित परीक्षा दोबारा कराने की आवश्यकता है या नहीं?

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें विस्तारपूर्वक सुनने के बाद कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि इस परीक्षा की पवित्रता से समझौता हुआ। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए हर पहलू पर विचार-विमर्श के बाद ही कोई फैसला किया जाना चाहिए। पीठ ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से कहा कि वे नीट यूजी के प्रश्नपत्र सार्वजनिक (पेपर लीक) होने की व्यापकता के बारे में 10 जुलाई तक जानकारी दें। इसके अलावा प्रश्नपत्र सार्वजनिक तथा पांच मई 2024 को परीक्षा आयोजित होने के बीच के समय से भी निर्धारित तिथि तक अवगत कराएं।