नई दिल्ली, 31 मई। दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा परियोजना को हरी झंडी दिखाते हुए वहां चल रहे निर्माण कार्य को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता की मंशा पर ही सवाल उठाते हुए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया।
गौरतलब है कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बीते माह राष्ट्रीय राजधानी में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान एक याचिकाकर्ता ने इस तर्क के साथ याचिका दायर की थी कि जब दिल्ली में निर्माण संबंधित सभी कार्यों पर पूरी तरह रोक है तो इस प्रोजेक्ट का काम क्यों नहीं रोका गया। याचिका में कहा गया था कि 500 से ऊपर मजदूर वहां काम कर रहे है, इससे वहां कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है।
सेंट्रल विस्टा परियोजना की बात करें तो इसके तहत 22 लाख वर्गफुट भूभाग पर नए संसद भवन और सचिवालय समेत अन्य इमारतों का निर्माण होना है। इस परियोजना पर 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च बैठने का अनुमान है।
लेकिन हाई कोर्ट ने जब सोमवार को यह फैसला सुनाया तो उसके पहले ही दिल्ली सरकार कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर लगी रोक हटा चुकी थी। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को जबरन रोकने के लिए याचिका लगाई गई थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि लोगों की रुचि इस प्रोजेक्ट में है और इस पर नवम्बर में काम पूरा होने का कॉन्ट्रैक्ट है। अदालत ने कहा कि यह महत्वपूर्ण पब्लिक प्रोजेक्ट है और इसे अलग करके नहीं देखा जा सकता। यह एक राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट की वैधानिकता साबित की जा चुकी है और सरकार को नवम्बर, 2021 तक इस काम को पूरा करना है।
कोरोना संक्रमण के सवाल पर अदालत ने कहा कि चूंकि सभी श्रमिक निर्माण स्थल पर हैं और इस दौरान वहां सारे कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है, लिहाजा इस कोर्ट के पास कोई कारण नहीं है कि वह आर्टिकल 226 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य रोक दे।
दिल्ली में 24 घंटे के भीतर मिले सिर्फ 946 नए केस
इस बीच दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर तेजी से घट रही है। रविवार को दिनभर में सिर्फ 946 नए केस दर्ज किए गए तो 1,803 लोग स्वस्थ घोषित किए गए। इस दौरान 78 लोगों की मौत हुई। राष्ट्रीय राजधानी में अब सिर्फ 12,100 एक्टिव केस हैं।
महामारी का प्रकोप कम होने के चलते ही दिल्ली सरकार ने आज से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोल दिया है। पहले चरण में सिर्फ निर्माण संबंधित कार्य और कल-कारखानों को खोलने की छूट दी गई है। अनलॉक प्रक्रिया धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी।