नई दिल्ली, 18 मई। देश में व्याप्त कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच कई राज्य कोरोनारोधी वैक्सीन की कमी का दावा कर रहे हैं। इसके मद्देनजर अब कम से कम अक्टूबर तक टीकों के निर्यात को फिर से शुरू करने की संभावना नहीं है और टीकों का इस्तेमाल देश में ही किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को इस आशय की जानकारी दी।
गौरतलब है कि भारत ने एक माह पहले ही वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इससे पहले भारत ने दुनिया के लगभग 80 देशों में 6.6 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक भेजी थी।
भारत की पहल ‘कोवैक्स’ को नुकसान होने की आशंका
सरकारी सूत्रों ने कहा कि सरकार के इस कदम से दुनियाभर में टीकों की आपूर्ति के लिए शुरू की गई पहल ‘कोवैक्स’ को काफी नुकसान होने की आशंका है। भारत की तरफ से टीके का निर्यात रुकने के बाद बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और कई अफ्रीकी देश अब वैक्सीन पाने के लिए परेशान हो रहे हैं।
अब भारत में टीकाकरण अभियान को प्राथमिकता
एक सरकारी सूत्र ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि भारत अब अपने देश में टीकाकरण अभियान को प्राथमिकता देगा क्योंकि यहां कोरोना से कुल संक्रमितों की संख्या 2.5 करोड़ से ज्यादा हो गई है और मौत के आंकड़े रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।
वैक्सीन का निर्यात रोकने के फैसले के बारे में एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘हमें आधिकारिक तौर पर सभी देशों को बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं हैं। इस मुद्दे पर आंतरिक रूप से चर्चा की गई है और कुछ देशों को मौजूदा भारतीय स्थिति को देखते हुए निर्यात प्रतिबद्धताओं की उम्मीद नहीं करने के लिए कहा गया है।’