नई दिल्ली, 14 मई। केंद्र सरकार अब हर वर्ष आतंकवाद विरोधी दिवस मनाएगी। इस बाबत केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार अब हर साल 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाएगा। यह पत्र सभी राज्यों के सभी मंत्रालयों, मुख्य सचिवों और विभागों के सचिव को लिखा गया है।
युवाओं को जागरूक करना है उद्देश्य
गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा से दूर करना है। उन्हें बताया जाएगा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कौन-कौन सी योजनाएं चलाई गई हैं। इसके अलावा उन्हें बताया जाएगा कि उनकी एक गलती किस तरह से राष्ट्रीय समस्या बन सकती है। केंद्र का मानना है कि अगर युवा सही रास्ते पर आ गए तो आतंकवाद खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगा।
सभी को दिलाई जाएगी आतंकवाद विरोधी शपथ
पत्र में कहा गया है कि सभी कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी शपथ भी दिलाई जाएगी। इसके अलावा डिजिटल व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से आतंकवाद विरोधी संदेश को भी प्रसारित किया जा सकता है। पत्र के अनुसार केंद्र सरकार के कार्यालयों में 21 मई को शनिवार होने के चलते अवकाश रहेगा। ऐसे में 20 मई को शपथ दिलवाई जा सकती है। हालांकि, राज्य सरकार के दफ्तरों या जहां शनिवार का अवकाश नहीं है, वहां 21 मई को ही शपथ दिलवाई जाए।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई को हुई थी हत्या
वैसे सरकार का फैसला सुर्खियों में आ गया है और इसके कई राजनैतिक मायने भी निकाले
राजनीतिक गलियारे में अंदर खाने यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि कहीं भाजपा सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी की तरह राजीव गांधी को भी अप्रत्यक्ष रुप से वोट बैंक के लिए अपना तो नहीं रही।