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केंद्र सरकार ने दिया तोहफा – 5 से 15 अगस्त तक ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश निःशुल्क

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नई दिल्ली, 3 अगस्त। केंद्र सरकार ने इतिहास और ऐतिहासिक स्मारकों में रुचि रखने वाले लोगों को तोहफा दिया है और स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने की खुशी में मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत सभी ऐतिहासिक स्मारकों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया है।

केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार पांच से 15 अगस्त यानी पूरे 10 दिनों तक सभी संरक्षित स्मारकों या स्थलों पर पर्यटकों से कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बुधवार को खुद यह जानकारी दी।

किशन रेड्डी ने ट्वीट कर कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव और 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में सरकार ने पांच से 15 अगस्त 2022 तक देशभर में अपने सभी संरक्षित स्मारकों या स्थलों पर पर्यटकों के लिए प्रवेश निःशुल्क कर दिया है।

क्या है आजादी का अमृत महोत्सव

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक खास उत्सव मनाया जा रहा है, जिसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ नाम दिया गया है।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ‘आजादी का अमृत महोत्सव, भारत की आजादी के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है। आजादी के अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई, जिसने हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की और 15 अगस्त 2023 को एक साल के बाद समाप्त होगी।’

सरकार ने हर घर तिरंगाअभियान भी शुरू किया है

गौरतलब है कि आजादी के अमृत महोत्सव को विशेष बनाने के लिए सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भी शुरू किया है। इसके तहत 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रत्येक नागरिक को प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने तिरंगा फहराने के नियमों में भी बदलाव किए हैं। केंद्र सरकार ने हर घर तिरंगा फहराने के लिए 27 करोड़ तिरंगे की उपलब्धता का लक्ष्य रखा है। कई राज्य सरकारें खुद झंडा खरीद कर लोगों को उपलब्ध करा रही हैं।

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