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केंद्र सरकार का फैसला : बढ़ती कीमतों पर अंकुश के लिए 31 दिसम्बर तक प्याज पर लगाया 40 फीसदी निर्यात शुल्क

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नई दिल्ली, 19 अगस्त। केंद्र सरकार ने बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में आपूर्ति में सुधार के लिए प्याज के निर्यात पर 31 दिसम्बर तक 40 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। बताया जा रहा है कि सितम्बर में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के मद्देनजर निर्यात शुल्क लगाया गया है।

वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, ‘प्याज की घरेलू उपलब्धता में सुधार के लिए सरकार तत्काल प्रभाव से 31 दिसम्बर, 2023 तक प्याज पर 40% निर्यात शुल्क लगाती है।’

सरकार बफर स्टॉक से तीन लाख टन प्याज जारी करने की घोषणा कर चुकी है

इससे पहले सरकार ने प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अपने बफर स्टॉक से तीन लाख टन प्याज जारी करने की घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने बफर स्टॉक के तौर पर 2.51 लाख टन प्याज रखा था। यदि कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है।

बफर स्टॉक के लिए जो प्याज खरीदा गया है, वह हाल ही में समाप्त हुए रबी सीजन का है। बफर स्टॉक आमतौर पर लक्षित खुले बाजार की बिक्री के माध्यम से और कम आपूर्ति के मौसम के दौरान खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सरकारी एजेंसियों को जारी किए जाते हैं। फिलहाल, खरीफ प्याज की बुआई चल रही है और अक्टूबर में इसकी आवक शुरू हो जाती है।

उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय परमाणु ऊर्जा विभाग और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के साथ प्याज के भंडारण के लिए एक तकनीक का भी प्रयास कर रहा है। 2022-23 में सरकार ने पीएसएफ के तहत रबी-2022 फसल से रिकॉर्ड 2.51 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की थी और इसे सितम्बर 2022 और जनवरी 2023 के दौरान प्रमुख खपत केंद्रों में जारी किया था। अप्रैल-जून के दौरान रबी प्याज की कटाई 65 प्रतिशत है।

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