Site icon hindi.revoi.in

केंद्र सरकार का फैसला – अब ट्रांसजेंडरों को भी मिलेगा आयुष्मान भारत योजना का लाभ

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

नई दिल्ली, 24 अगस्त। केंद्र सरकार ने अपनी सर्वाधिक लोकप्रिय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के दायरे में अब ट्रांसजेंडरों को भी समाहित करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि अब से देश में मौजूद सभी ट्रांसजेंडरों को आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंभालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच समझौता

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस परिवर्तनकारी कदम के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि देश में पहली बार ट्रांसजेंडरों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के दायर में लाया जा रहा है और इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच हुआ समझौता स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के जरिए स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रयास होगा कि देश में ट्रांसजेंडरों को मुफ्त स्वास्थ्य सहायता के माध्यम से सम्मानजनक जीवन जीने में मदद की जा सके।

राष्ट्रीय पोर्टल पर ट्रांसजेंडर श्रेणी में पंजीकृत ट्रांसजेंडरों को मिलेगी चिकित्सा सुविधा

मांडविया ने कहा, ‘दोनों मंत्रालयों के बीच हुए समझौते से देशभर में उन ट्रांसजेंडरों को चिकित्सा सुविधा मिलेगी, जो सरकार के राष्ट्रीय पोर्टल पर ट्रांसजेंडर श्रेणी में पंजीकृत हैं। सभी ट्रांसजेंडरों को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का बीमा कवर मुहैया कराया जाएगा। मंत्रालय ट्रांसजेंडरों को इलाज की सुविधा देने के लिए एक व्यापक पैकेज तैयार कर रहा है, जिसमें सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) को भी शामिल किया गया है।’

आयुष्मान योजना के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकेंगे

ट्रांसजेंडर देशभर में फैले आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में इलाज कराने के पात्र होंगे, जहां उन्हें सारी सुविधाएं दी जाएंगी। यह योजना सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कवर करेगी, जिन्हें अन्य केंद्र/राज्य की योजनाओं से इस तरह का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

दोनों मंत्रालय की ओर से हुए समझौते पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा और सामाजिक न्याय मंत्रालय के सचिव आर. सुब्रमण्यम ने दस्तखत किया। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और परिवार कल्याण मंत्री वीरेंद्र कुमार भी मौजूद थे।

इस कदम से एक समावेशी समाज निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कामयाबी मिलेगी

समझौता ज्ञापन पर दस्तखत के बाद दोनों मंत्रालयों की ओर से कहा गया कि इससे समाज में एक ऐतिहासिक परिवर्तन आएगा। मोदी सरकार के इस प्रयास के कारण ट्रांसजेंडर समुदाय को भी देश के अन्य नागरिकों की तरह समान स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। समाजिक तौर पर ट्रांसजेंडर समुदाय को कई बार बहिष्कार का सामना करना पड़ता है, लेकिन आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में उन्हें शामिल किए जाने के बाद एक समावेशी समाज निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कामयाबी मिलेगी।

Exit mobile version