नई दिल्ली, 20 दिसम्बर। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एनसीईआरटी) की पाठ्यपुस्तकों में अब श्रीमद भगवद् गीता को शामिल किया गया है। लोकसभा में सरकार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, छठी और सातवीं कक्षा में श्रीमद भगवद् गीता के संदर्भ और ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा की संस्कृत पाठ्यपुस्तकों में इसके श्लोकों को शामिल किया गया है।
शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि मंत्रालय ने 2020 में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) प्रभाग की स्थापना अंतःविषय और ट्रांस-डिसिप्लिनरी को बढ़ावा देने भारतीय ज्ञान प्रणाली के सभी पहलुओं पर अंतःविषय और अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ आगे के अनुसंधान और सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए IKS ज्ञान को संरक्षित और प्रसारित करने की दृष्टि से की थी।
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के विकास की पहल की है, जहां जमीनी स्तर से विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों सहित विभिन्न हितधारकों से इनपुट आमंत्रित किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2022 पैरा 4.27 भारत के पारंपरिक ज्ञान को संदर्भित करता है, जो टिकाऊ है और सभी के कल्याण के लिए प्रयास करता है। उन्होंने कहा, “इस शताब्दी में ज्ञान शक्ति बनने के लिए हमें अपनी विरासत को समझना चाहिए और दुनिया को काम करने का ‘भारतीय तरीका’ सिखाना चाहिए।”