नई दिल्ली, 5 जून। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर द्वारा शनिवार की सुबह उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के आधिकारिक एकाउंट से ब्ल्यू टिक हटाने और मामला गर्माते ही उसे फिर बहाल करने के बाद केंद्र सरकार का पारा गरम हो उठा है। इसका नतीजा यह हुआ कि दोपहर बाद सरकार ने यह कहते हुए कम्पनी को आखिरी नोटिस थमा दी कि निर्धारित नए आईटी नियमों का पालन करें अथवा भारतीय कानूनों के तहत काररवाई का सामना करने को तैयार रहें।
दरअसल, नए आईटी नियमों को लेकर ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच पिछले महीने से ही विवाद चल रहा है। सरकार ने गत 25 फरवरी को बनाए गए नए आईटी रूल्स में ही साफ कर दिया था कि जिस भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के 25 लाख से ज्यादा यूजर होंगे, उन्हें भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। इसके लिए तीन महीने का वक्त दिया गया था। 25 मई को यह मियाद खत्म होने के बाद पिछले हफ्ते ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया था कि उसने 28 मई को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। लेकिन सरकार इससे संतुष्ट नहीं है।
ट्विटर की ओर से आए जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं
आईटी मंत्रालय की ओर से नए नियमों को लेकर 26 मई को पहली बार ट्विटर को नोटिस भेजी गई थी। उसके बाद 28 मई और दो जून को भी नोटिस जारी की गई। अब शनिवार को कम्पनी को आखिरी नोटिस भेजी गई है।
आईटी मंत्रालय की तरफ से भेजी गई इस नोटिस में लिखा गया है कि सरकार ट्विटर के जवाब से संतुष्ट नहीं है क्योंकि ट्विटर की तरफ से भारत में जो शिकायत अधिकारी और नोडल अफसर की नियुक्ति की गई है, वो ट्विटर के कर्मचारी भी नहीं हैं। इसके अलावा कम्पनी ने अपना पता लॉ फर्म के ऑफिस का दिया है, जो नियमों के हिसाब से वैध नहीं है।
शिकायत के समाधान के लिए अब तक कोई मैकेन्जिम नहीं
नोटिस में लिखा है, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। ट्विटर को यहां खुले हाथों से अपनाया गया, लेकिन 10 वर्षों से यहां काम करने के बावजूद ट्विटर ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं बना पाया, जिससे भारत के लोगों को ट्विटर के बारे में अपनी शिकायत को सुलझाने का मौका मिल सके। जिन लोगों को ट्विटर के प्लेटफॉर्म पर अपशब्दों का सामना करना पड़ता है या यौन दुराचार का सामना करना पड़ता है, उन्हें अपनी शिकायत के समाधान के लिए मैकेनिज्म मिलना ही चाहिए। ट्विटर को 26 मई, 2021 से ही नियमों को मानना होगा।’
नोटिस में यह भी कहा गया है, ‘सद्भावना के तौर पर नए आईटी नियमों के पालन का एक आखिरी मौका ट्विटर को दिया जा रहा है। इसका पालन न करने पर ट्विटर को आईटी कानून के अनुच्छेद 79 के तहत दायित्व से छूट वापस हो जाएगी। इसके बाद ट्विटर आईटी कानून और भारत के अन्य कानूनों के तहत परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।’