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केंद्र सरकार का निर्णय : प्रवासी वीजा योजना की अवधि 5 वर्षों के लिए बढ़ाई गई

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नई दिल्ली, 25 फरवरी। केंद्र सरकार ने प्रवासी वीजा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग योजना (आईवीएफआरटी) की अवधि आगामी एक अप्रैल से पांच वर्षों के लिए और बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। यह योजना 31 मार्च को समाप्त हो रही थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी।

योजना पर कुल 1,364.88 करोड़ रुपये का खर्च आएगा

गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार इस योजना पर कुल 1,364.88 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना को जारी रखने से सरकार की प्रवासी और वीजा सेवाओं के आधुनिकीकरण और उनके उन्नयन के प्रति वचनबद्धता का पता चलता है। इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाते हुए वैध यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराना है।

यह योजना दुनियाभर में स्थित 192 भारतीय मिशनों, भारत में 108 प्रवासी चेक पोस्ट (आईसीपी), 12 विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) और कार्यालय एवं 700 से अधिक विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ), पुलिस अधीक्षक (एसपी)/पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) की सहायता से आव्रजन, वीजा जारी करने, विदेशियों के पंजीकरण और भारत में उनके आवागमन पर नजर रखने से संबंधित कार्यों को आपस में जोड़ने तथा तालमेल का काम करती है।

आईवीएफआरटी शुरू होने के बाद ओसीआई कार्ड की संख्या बढ़कर 64.59 लाख

आईवीएफआरटी के शुरू होने के बाद, जारी किए गए वीज़ा और ओसीआई कार्ड की संख्या 2014 के 44.43 लाख से बढ़कर 2019 में 64.59 लाख हो गई और इसमें 7.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की गई। वीजा प्रक्रिया का औसत समय 15 से 30 दिनों से घटकर ई-वीजा के लिए अधिकतम 72 घंटे हो गया, जिसके अंतर्गत 95 प्रतिशत ई-वीजा 24 घंटों के भीतर जारी किए गए।

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