नई दिल्ली, 26 अगस्त। तालिबानी कब्जे के बाद अफगानिस्तान में उपजे हालात को लेकर केंद्र सरकार ने गुरुवार को यहां सर्वदलीय बैठक आहूत की। संसद भवन एनेक्सी में हुई इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने सभी राजनीतिक पार्टियों के संसदीय दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने अपनी बात रखी, जिस पर जयशंकर ने जवाब भी दिया।
31 पार्टियों के 37 नेता सर्वदलीय बैठक में मौजूद थे
डॉ. जयशंकर ने मीडिया कॉन्फ्रेंस में बताया कि 31 पार्टियों के 37 नेता बैठक में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में अफगानिस्तान मुद्दे पर सरकार और सब राजनीतिक पार्टियों की एक जैसी राय है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सवाल बचाव अभियान को लेकर थे। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने एक प्रजेंटेशन भी दिया।
अफगानिस्तान से अब तक 565 लोगों को निकाला गया
सर्वदलीय बैठक में सरकार ने जानकारी दी कि अब तक अफगानिस्तान से 565 लोगों को निकाला गया। विदेश मंत्रालय की ओर से बने स्पेशल सेल में अब तक मदद के लिए 3,014 कॉल्स के जवाब दिए गए। ह्वाट्सऐप के जरिए 7,826 लोगों ने संपर्क किया जबकि 3,102 को ईमल पर जवाब दिया गया।
डॉ. जयशंकर ने कहा ‘बैठक से यही संदेश निकलकर सामने आया कि इस मुद्दे पर हमारी राय एक है। अफगानिस्तान के लोगों की हम सभी को चिंता है। देव शक्ति मिशन के जरिए अधिकतर भारतीयों को वापस ले आया गया है। हालांकि कुछ अभी भी वहां फंसे हुए हैं। उनको भी जल्द निकाल लिया जाएगा। कुछ अफगान नागरिक भी भारत आना चाहते हैं, उनके लिए ई वीजा पॉलिसी सरकार लेकर आई है।’
सरकार भारतीय हितों के लिए कटिबद्ध
जयशंकर ने कहा, ‘मीटिंग से यह बात निकल कर सामने आई है कि सरकार भारतीय हितों के लिए कटिबद्ध है। आने वाले समय में कुछ और मीटिंग होंगी। पुतिन और मर्केल से पीएम ने बात की है। कुछ और हाई लेवल बातचीत होगी। इस समय हमारा फोकस भारतीयों की सुरक्षा पर है। काबुल की स्थिति को सब देख रहे हैं। अभी स्थिति डांवाडोल है। हमें अभी धैर्य रखना होगा।’ हालांकि तालिबान को लेकर पूछे गए सवाल को जयशंकर टाल गए।
सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों के अलावा विदेश राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए।