नई दिल्ली, 10 अगस्त। केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से लड़ाई के बीच ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर शॉट को मान्यता दे दी है। कोवैक्सिन और कोविशील्ड लेने वाले लोग अब ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर डोज भी लगवा सकते हैं। भारत सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी है।
कोवैक्सिन या कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके लोग कॉर्बेवैक्स बूस्टर डोज ले सकते हैं
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के जिन व्यक्तियों ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड के टीके लगवा लिए हैं, अब उनके लिए जैविक ‘ई कॉर्बेवैक्स बूस्टर शॉट’ उपलब्ध है। यानी जो लोग कोवैक्सिन और कोविशील्ड वैक्सीन लगवा चुके हैं, वे कॉर्बेवैक्स बूस्टर डोज लगवा सकते हैं। देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिए गए टीके से अलग कोई टीका बतौर एहतियाती खुराक लगाया जाएगा।
एनटीएजीआई की सिफारिशों के आधार पर दी गई मंजूरी
सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी है। 18 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों को एहतियाती खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने पर विचार किया गया है, जिन्हें कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लिए हुए छह महीने या 26 सप्ताह हो चुके हैं। इस आयु वर्ग के लोगों को पहले लगे टीके से अलग एहतियाती खुराक दी जाएगी।
फिलहाल 12-14 आयु वर्ग के बच्चों को लगाया जा रहा ‘कॉर्बेवैक्स‘ टीका
गौरतलब है कि भारत का पहला स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट ‘कॉर्बेवैक्स’ टीका फिलहाल 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को लगाया जा रहा है। कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई को हुई बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की थी। इसमें कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक ले चुके 18 से 80 वर्ष आयु के लोगों को कॉर्बेवैक्स टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिए जाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले संभावित प्रभाव का आकलन किया गया था।
आंकड़ों की पड़ताल करने के बाद सीडब्ल्यूजी ने पाया कि कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दो खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाया जा सकता है, जो (वायरस से लड़ने के लिए) उल्लेखनीय स्तर पर एंटीबॉडी पैदा करता है और तटस्थ आंकड़ों के मुताबिक यह रक्षात्मक भी है। गौरतलब है कि भारत के औषधि महानियंत्रक (जीसीजीआई) ने इसी वर्ष चार जून को 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स टीका लगाने की अनुमति दी थी।