नई दिल्ली, 30 मई। भारत सरकार ने 13,500 करोड़ के पीएनबी घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को वापस लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश की कई एजेंसियां चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए डोमिनिका सरकार के संपर्क में हैं।
रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने डोमिनिका सरकार से आग्रह किया है कि चोकसी मूल रूप से एक भारतीय नागरिक है और उसने लगभग दो अरब अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी करने के बाद भारत में कानून से बचने के लिए एंटीगा और बारबुडा की नई नागरिकता ली थी।
सूत्रों की मानें तो भारत ने पिछले दरवाजे और राजनयिकों के माध्यम से डोमिनिका से स्पष्ट रूप से कहा है कि मेहुल चोकसी को एक भगोड़े भारतीय नागरिक के रूप में माना जाना चाहिए, जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी है और उसे निर्वासन के लिए भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया जाना चाहिए। चोकसी के लिए अपनी भारतीय नागरिकता से इनकार करने का कोई मामला नहीं है और दूसरे देश की नागरिकता उसके कथित अपराधों को छिपाने के लिए मात्र एक हथियार है।
दरअसल, पड़ोसी देश एंटीगा और बारबुडा ने भी डोमिनिका से चोकसी को सीधे भारत को सौंपने का आग्रह किया है। हालांकि, डोमिनिका का कहना है कि चोकसी को वापस एंटीगा ही भेजा जाएगा क्योंकि वह वहीं का नागरिक है।
एंटीगा पुलिस ने कहा – अपहरण के आरोप में सच्चाई नहीं
इस बीच एंटीगा और बारबुडा की पुलिस ने उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है कि चोकसी को एंटीगा से अगवा किया गया। चोकसी के वकील ने दावा किया था कि उसे एंटीगा से डोमिनिका जबरन लाया गया था और इस काम के पीछे संभवत: उन लोगों का हाथ था, जो भारत और एंटीगा के लिए काम कर रहे हैं।
एंटीगा और बारबुडा के पुलिस चीफ एटली रोडनी ने इन दावों पर कहा, ‘हमारे पास न तो इस बात की जानकारी है और न ही ऐसे कोई संकेत हैं कि चोकसी को एंटीगा से जबरन ले जाया गया था। यह बात केवल मेहुल चोकसी के वकील कह रहे हैं। डोमिनिका पुलिस भी इस बात की पुष्टि नहीं करती है। चोकसी के एंटीगा से डोमिनिका या फिर और कहीं ले जाए जाने की गतिविधि में हमारी कोई संलिपत्ता नहीं रही है।’