नई दिल्ली, 7 जून। केंद्र सरकार ने एयरफोर्स रेग्युलेशन में एक अहम संशोधन कर दिया है। इसके तहत जरूरत और मौका पड़ने पर वायुसेना में कार्यरत या फिर रिटायर हो चुके एयर मार्शल अथवा एयर चीफ मार्शल को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए संबंधित अधिकारी की उम्र 62 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वैसे सरकार चाहे तो सीडीएस का कार्यकाल 65 वर्ष की उम्र तक बढ़ाया भी जा सकता है।
दरअसल रक्षा मंत्रालय ने एक दिन पहले, छह जून को ही एयरफोर्स एक्ट 1950 के सेक्शन 190 के तहत एयरफोर्स रेग्युलेशन 1964 में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है। इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। यह गजट नोटिफिकेशन अब एयरफोर्स (संशोधन) रेग्युलेशन 2022 के नाम से भी जाना जाएगा। साथ ही 1964 के एयरफोर्स रेग्युलेशन का 213A प्रावधान हटाकर इसमें 213AB भी जोड़ा गया है।
सरकारी नियमों के अनुसार वैसे तो रिटायर्ड थ्री स्टार जनरल में से भी कोई सीडीएस बन सकता है। दरअसल, थ्री स्टार जनरल का मतलब उन अधिकारियों से है, जो लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए हों। वहीं चीफ के पद से रिटायर होने वाले फोर स्टार ऑफिसर होते हैं।
देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत की हेलीकप्टर क्रैश में हुई थी मृत्यु
एक सीडीएस की एक अहम जिम्मेदारी यह होती है कि वह आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को पुनर्गठित करे। गौरतलब है कि बीते वर्ष आठ दिसंबर को तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी।