नई दिल्ली, 14 जुलाई। केंद्र सरकार के अधीन 1.2 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनधारकों का अपने बढ़े हुए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का लंबा इंतजार आखिर खत्म हुआ, जब बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहाल करने के लिए हरी झंडी दिखा दी। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में अन्य कई अहम निर्णय लिए गए।
पिछले डेढ़ वर्ष से 17 फीसदी डीए मिल रहा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई कैबिनेट की बैठक में पिछले डेढ़ वर्ष से रुके हुए महंगाई भत्ते को फिर से बहाल करने की मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता अब 28 फीसदी की दर से मिलेगा, जो अब तक 17 प्रतिशत की दर से मिल रहा था। यानी केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अब 11 फीसदी ज्यादा डीए मिलेगा।
कोरोना महामारी के चलते रुका हुआ था महंगाई भत्ता
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल से ही केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनधारकों की महंगाई राहत पर रोक लगा रखी थी। जनवरी 2020, जुलाई 2020, जनवरी 2021 और जुलाई 2021 का महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों को मिलना है।
तीन किस्तों में दी जाएगी डीए एरियर की बताया राशि
केंद्र सरकार ने पहले जनवरी, 2020 में महंगाई भत्ते को चार फीसदी बढ़ाया था। फिर जून, 2020 में डीए में तीन फीसदी की और बढ़ोतरी की गई। इसके बाद जनवरी, 2021 में चार फीसदी डीए बढ़ाया गया था। ऐसे में कुल इजाफा 11 फीसदी हुआ, जो अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलेगा। महंगाई भत्ते के ये तीनों एरियर कर्मचारियों को तीन किस्तों में दिए जाएंगे।
जुलाई तिमाही के डीए पर अभी फैसला नहीं
हालांकि जुलाई के डीए को लेकर सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। माना जा रहा है कि जुलाई में भी डीए तीन फीसदी बढ़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कुल महंगाई भत्ता मूल वेतन का 31 फीसदी हो जाएगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता सितंबर से मिलना शुरू हो जाएगा।
अब 2025-26 तक जारी रहेगा नेशनल आयुष मिशन
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के अलावा कैबिनेट ने नेशनल आयुष मिशन को 2021 से आगे बढ़ाते हुए साल 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया है। इस पर 4,607 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना के तहत 12,000 आयुष वेलफेयर हेल्थ सेंटर्स खोले जाएंगे और 50 बेड के 101 आयुष अस्पताल के आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
वस्त्र उद्योग के लिए भी योजना का फायदा मिलता रहेगा
कैबिनेट की बैठक में अपैरल, गारमेंट और मेडअप्स के लिए चलाई जा रही आरओएससीटीएल योजना को भी जारी रखने का फैसला किया गया है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। टैक्स पर मिलने वाली ये स्कीम साल 2024 तक जारी रहेगी।
पशुपालन के लिए 9,800 करोड़ का बजट
सरकार ने इसी क्रम में ग्रामीण भारत से जुड़ा एक जरूरी फैसला भी किया है। इसके तहत अब पशुपालन पर 9,800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पशुधन विकास योजना इससे ही जुड़ी है। पशुपालन के लिए अब एम्बुलेंस सेवा भी शुरू करने की योजना है।