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महंगाई से राहत देने की केंद्र की तैयारी : 10 फीसदी तक घट जाएंगे CNG-PNG के दाम

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नई दिल्ली, 6 अप्रैल। केंद्र सरकार कुछ पेट्रो उत्पादों पर जल्द ही महंगाई से राहत देने की तैयारी कर रही है। इस क्रम में सीएनजी और पीएनजी के दाम 10 फीसदी तक कम हो सकते हैं।

मोदी कैबिनेट ने गैस कीमत निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार की शाम हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले किए गए। कैबिनेट ने गैस कीमत निर्धारण के नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है। साथ ही सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा तय की है।

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एपीएम गैस के लिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी गई है। साथ ही अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर लगाई मुहर लगी है।

क्रूड से लिंक होगी कीमतें

नए फॉर्मूले के तहत अब घरेलू प्राकृतिक गैस की प्राइसिंग अंतरराष्ट्रीय हब गैस की जगह आयातित क्रूड के साथ लिंक होगी। घरेलू गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के वैश्विक दाम की 10 फीसदी होगी। इसे हर महीने निर्धारित किया जाएगा। इससे पीएनजी, सीएनजी, फर्टिलाइजर प्लांट आदि को फायदा होगा। इसतका सीधा फायदा आम घरेलू उपभोक्ता से लेकर किसानों, वाहन चलाने वालों को होगा।

अब तक इस तरह तय होते हैं दाम

घरेलू प्राकृतिक गैस को सीएनजी में भी बदला जाता है और पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) यानी रसोई गैस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह उर्वरक बनाने के साथ बिजली पैदा करने के लिए एक प्रमुख कच्चा माल है। अब तक सरकार हर छह महीने यानी एक अप्रैल और एक अक्टूबर को प्राकृतिक गैस की कीमतें तय करती थीं। ये कीमतें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस-अधिशेष देशों (Gas Surplus Countries) में एक साल में एक चौथाई के अंतराल के साथ प्रचलित दरों के आधार पर तय की जाती थीं।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति को मिली मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 को भी मंजूरी दी है। प्रेस ब्रीफिंग में मौजूद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस नीति के तहत इसरो, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड और निजी क्षेत्र की संस्थाओं जैसे संगठनों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं।

केंद्र सरकार ने पहले स्पेस सेक्टर को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया था ताकि इस सेक्टर के विकास को बढ़ावा दिया जा सके। सिंह ने बताया कि नीति का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग की भूमिका को बढ़ाना, इसरो मिशन की गतिविधियों को बढ़ावा देना और अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप सहित उद्योग की भागीदारी को बढ़ाना है।

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