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किसान आंदोलन :  केंद्र ने किसानों को भेजा प्रस्ताव, आंदोलन की समाप्ति पर फैसला जल्द

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सोनीपत, 7 दिसंबर। दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों की वापसी को चल रहा किसान आंदोलन अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मांगों पर आकर थम गया है। आंदोलन के भविष्य को लेकर मंगलवार को सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक हुई। इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के सभी नेता मौजूद रहे। बैठक में फैसला लिया गया कि आंदोलन अभी जारी रहेगा और मोर्चा की अगली बैठक बुधवार को दोपहर दो बजे होगी, जिसमें कुछ ठोस निर्णय लिया जाएगा।

इस बीच किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जो छह मांगें रखी थीं, उन पर भारत सरकार की तरफ से किसान नेताओं को जवाब आ गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों की मांग पर विचार किया जा रहा है और सरकार पहले ही एमएसपी को लेकर कमेटी बनाने का एलान कर चुकी है।

एमएसपी पर सरकार की कमेटी में एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे

केंद्र सरकार की ओर से किसानों को जो जवाबी पत्र मिला है, उसमें कहा गया है कि एमएसपी पर प्रधानमंत्री ने खुद और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मिलत होंगे। सरकार का कहना  है कि कमेटी में किसान संगठनों की ओर से एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

राज्य सरकारें किसानों पर मुकदमे हटाने की पहले ही दे चुकी हैं सहमति

सरकार की ओर से प्रेषित जवाब में यह भी कहा गया है कि जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के मुकदमों का सवाल है, यूपी और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापस लिए जाएंगे। मुआवजे का जहां तक सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। दोनों विषयों के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा कर दी है।

बिजली संबंधित बिल संसद में पेश करने से पहले सभी स्टेकहोल्डर्स की राय ली जाएगी। वहीं पराली के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि केंद्र ने जो कानून पारित किया है, उसकी धारा 14 एवं 15 में क्रिमिलन लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति दी गई है।

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