Site icon hindi.revoi.in

केंद्र ने कोर्ट में पूर्व पीएम राव और मनमोहन सिंह की तारीफ की, कहा- लाइसेंस राज से मुक्ति दिलाई

Social Share

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और उनके तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की। उसने सन् 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत करने के लिए राव और सिंह की सराहना की। अदालत में सरकार ने कहा कि इस कदम से प्रभावी रूप लाइसेंस राज का युग समाप्त हो गया।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ को सूचित किया कि राव और सिंह द्वारा पेश किए गए आर्थिक सुधारों ने कंपनी कानून और व्यापार व्यवहार अधिनियम एमआरटीपी सहित कई कानूनों को उदार बनाया है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अगले तीन दशकों में बाद की सरकारों ने उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 में संशोधन की आवश्यकता नहीं समझी।

दरअसल, तुषार मेहता पीठ के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। पीठ ने आईडीआरए- 1951 की आलोचना करते हुए इसे पुरातनपंथी और ‘लाइसेंस राज’ युग बताया। इस पर मेहता ने जोर देकर कहा कि आर्थिक सुधारों के जरिए लाई गई बदलाव की बयार के बावजूद आईडीआरए अछूता रहा, जिससे केंद्र का विभिन्न उद्योगों पर नियंत्रण बरकरार रहा। हालांकि, समय बीतने के साथ, केंद्र सरकार ने उनमें से अधिकांश को रेगुलेट करना छोड़ दिया। उन्होंने कहा, लेकिन केंद्र की तरफ से उद्योगों पर नियंत्रण छोड़ने का मतलब यह नहीं है कि उसके पास उन्हें रेगुलेट करने की शक्ति नहीं है।

Exit mobile version