नई दिल्ली, 25 मार्च। केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने दो अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा कि दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया है।
सुरक्षा बलों को विशेषाधिकार देता है सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम
सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) सुरक्षा बलों को किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने और बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने के साथ-साथ कुछ अन्य काररवाइयों का अधिकार देता है। 24 मार्च की गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि AFPSA को एक अप्रैल से 30 सितम्बर तक तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, भारत सरकार ने असम राज्य की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के नमसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखाम पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में भी AFSPA का विस्तार किया है।
केंद्र सरकार ने इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों को भी सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) के अधिकार क्षेत्र में लाने की घोषणा की थी। गृह मंत्रालय की अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि AFSPA को नागालैंड के पांच अन्य जिलों के अंतर्गत आने वाले 21 पुलिस थाना क्षेत्रों में भी बढ़ाया गया है।
जिन पांच जिलों के 21 पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम की अवधि को बढाया गया है, उनमें जुन्हेबोटो और मोकोकचुंग जिलों में प्रत्येक में छह पुलिस स्टेशन, कोहिमा में पांच पुलिस स्टेशन, वोखा में तीन पुलिस स्टेशन, और लॉन्गलेंग जिले में यांगलोक पुलिस स्टेशन शामिल हैं। AFSPA को नगालैंड के दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों में अगले छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है।
गौरतलब है कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को लेकर राजनीति भी खूब होती है। हाल ही में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विजय प्राप्त करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन राज्यों के ज्यादातर इलाकों से अफस्पा हटाने को उपलब्धि के तौर पर पेश किया था।