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केंद्र ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर बढ़ाया, डीजल के निर्यात पर शुल्क में कटौती

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नई दिल्ली, 17 नवम्बर। केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर बढ़ा दिया जबकि डीजल के निर्यात पर कर घटा दिया। एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है।

अधिसूचना में कहा गया कि सरकार के स्वामित्व वाली ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कम्पनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर कर 17 नवम्बर से 9,500 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,200 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।

वहीं अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) के पाक्षिक संशोधन में सरकार ने डीजल के निर्यात पर दर को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 10.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर ‘रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस’ शामिल है। जेट ईंधन या एटीएफ पर निर्यात कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसे एक नवंबर को पिछली समीक्षा में पांच रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया था।

बीते दिनों मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया, जिससे वायदा कारोबार में बुधवार को कच्चा तेल छह रुपये की तेजी के साथ 7,063 रुपये प्रति बैरल हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का नवम्बर डेलिवरी वाला अनुबंध छह रुपये या 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,063 रुपये प्रति बैरल हो गया। इसमें 3,898 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से वायदा कारोबार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई। वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 86.55 डॉलर प्रति बैरल रह गया जबकि ब्रेंट क्रूड का दाम 0.16 प्रतिशत की हानि दर्शाता 93.71 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

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