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कोरोना का बढ़ता खतरा : केंद्र का राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड जांच बढ़ाने का निर्देश

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नई दिल्ली, 31 दिसंबर। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जांच क्षमता का पूरा उपयोग करते हुए कोविड-19 जांच बढ़ाने को कहा है। भारत में इस समय 3,117 जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिनमें प्रतिदिन 20 लाख से अधिक नमूनों की जांच करने की क्षमता है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉक्‍टर बलराम भार्गव ने सभी राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्‍य सचिवों को इस बारे में पत्र लिखा है।

रैपिड एंटीजन टेस्‍ट के लिए किसी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र को मान्‍यता की आवश्‍यकता नहीं

केंद्र की ओर से जारी दिशानिर्देशों मे 24 घंटे कार्य करने वाले रैपिड एंटीजन टेस्‍ट बूथ बनाने के लिए भी कहा गया है। ये बूथ सरकारी और निजी अस्‍पतालों – डिस्‍पेंसरी, नर्सिंग होम, क्‍लीनिक, जिला अस्‍पतालों और प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में भी रैपिड एंटीजन टेस्‍ट की अनुमति देने को कहा गया है। पत्र के अनुसार रैपिड एंटीजन टेस्‍ट करने के लिए किसी भी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र को मान्‍यता की आवश्‍यकता नहीं होगी।

सभी जांच केंद्रों पर सुरक्षित दूरी के नियम का पालन करने का भी निर्देश देने को कहा गया है। कोविड रोगियों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए बुखार, खांसी, सिर दर्द, गले में खुश्‍की, सांस लेने में दिक्‍कत, शरीर में दर्द, हाल ही में स्‍वाद, सूंघने की क्षमता में कमी और डायरिया जैसे लक्षणों वाले किसी भी व्‍यक्ति को कोविड का संदिग्‍ध रोगी माना जाना चाहिए। राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों से ऐसे व्‍यक्यिों की प्राथमिकता के आधार पर जांच कराने के लिए कहा गया है।

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