Site icon hindi.revoi.in

संसद का मॉनसून सत्र : केंद्र ने 19 जुलाई को बुलाई सर्वदलीय बैठक बुलाई

Social Share

नई दिल्ली, 6 जुलाई। केंद्र सरकार ने 20 जुलाई से प्रारंभ हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से एक दिन पहले 19 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। 11 अगस्त तक प्रस्तावित मॉनसून सत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी), दिल्ली सरकार से जुड़े अध्यादेश, महंगाई मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दे को लेकर हंगामा मचने के आसार हैं। सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है क्योंकि विपक्षी दल अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं।

इस बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी, जिससे प्रभावी रूप से भारत के पहले गोपनीयता कानून का मार्ग प्रशस्त हो गया। प्रस्तावित कानून संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान पेश किए जाने की संभावना है।

प्रस्तावित कानून व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने से पहले सहमति निर्धारित करता है और व्यक्तिगत डेटा को आकस्मिक प्रकटीकरण, साझा करने, बदलने या नष्ट करने सहित डेटा उल्लंघनों को रोकने में विफल रहने वाले व्यक्तियों और कम्पनियों पर ₹500 करोड़ तक के कठोर दंड का प्रावधान करता है।

संसद का मॉनसून सत्र ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत की है और इस मुद्दे पर परामर्श बढ़ाने के कदम उठाए हैं। सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होने और बाद में नए भवन में स्थानांतरित होने की उम्मीद है। नई इमारत का उद्घाटन गत 28 मई को पीएम मोदी ने किया था।

23 दिनों तक चलेगा मॉनसून सत्र, कुल 17 बैठके प्रस्तावित

संसद का मॉनसून सत्र 23 दिनों तक चलेगा और इसमें 17 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश को बदलने के लिए एक विधेयक ला सकती है। अध्यादेश ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को प्रभावी ढंग से रद कर दिया, जिसने दिल्ली सरकार को ‘सेवाओं’ मामले पर अधिक विधायी और प्रशासनिक नियंत्रण दिया था।

Exit mobile version