नई दिल्ली, 22 सितम्बर। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार इस मासांत यानी अगले सप्ताह बिहार का दौरा कर सकते हैं, जहां वह अक्टूबर के अंत या नवम्बर में प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों और और 30 सितम्बर को प्रकाशित होने वाली फाइनल वोटर लिस्ट की समीक्षा करेंगे। उनके दौरे से बिहार चुनाव शेड्यूल की घोषणा के समय को लेकर राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है।
वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवम्बर को समाप्त होगा
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के सूत्रों ने ‘इंडिया टुडे टीवी’ को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव छठ पूजा के बाद 5 से 15 नवम्बर के बीच होने की संभावना है। वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवम्बर, 2025 को समाप्त होगा। चुनाव आयोग को इस तारीख से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
बिहार चुनाव से जुड़े चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि CEC ज्ञानेश कुमार की टीम का दौरा लगभग फाइनल है। फिलहाल तारीख की पुष्टि नहीं हो पाई है। सूत्रों के अनुसार, यह दौरा 30 सितम्बर को हो सकता है।
बिहार SIR के खिलाफ विपक्षी दलों की मुहिम जारी, सुप्रीम कोर्ट ने भी दे रखी है चेतावनी
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में संपन्न मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर राजनीतिक तीखा विवाद छिड़ गया है, जिसमें मतदाता से 65 लाख नाम हटा दिए गए थे। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल असली मतदाताओं को हटाने के लिए एक आवरण के रूप में किया जा रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी चेतावनी दे रखी है कि यदि कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो 30 सितम्बर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने के बाद भी पूरी प्रक्रिया रद कर दी जाएगी।
एक बार फिर कई चरणों में मतदान होना तय
खैर, पिछली परंपरा के अनुसार बिहार में एक बार फिर कई चरणों में मतदान होना तय है। 2020 के चुनाव तीन चरणों (28 अक्टूबर को 71 सीटों पर, 3 नवम्बर को 94 सीटों पर और सात नवम्बर को 78 सीटों पर) कराए गए थे जबकि नतीजे 10 नवम्बर को घोषित किए गए थे। 2015 में मतदान पांच चरणों में मतदान हुआ था।
सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी I.N.D.I.A. ब्लॉक के बीच होनी है सीधी लड़ाई
इस वर्ष की लड़ाई एक बार फिर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्ष के I.N.D.I.A. ब्लॉक के बीच होगी। भाजपा , जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से मिलकर बना NDA मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक और कार्यकाल की उम्मीद कर रहा है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाला विपक्षी खेमा कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की उम्मीद कर रहा है।
243 सदस्यीय सदन में NDA के पास 131 सदस्यों के साथ पूर्ण बहुमत
मौजूदा समय 243 सदस्यीय सदन में NDA के पास 131 सदस्यों के साथ पूर्ण बहुमत है। इनमें के भाजपा के 80, जदयू के 45, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के चार और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इंडिया ब्लॉक के 111 विधायक हैं, जिनमें RJD के 77, कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 11, माकपा के 2 और भाकपा के 2 विधायक हैं।

