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सीडीएस जनरल रावत का हेलीकॉप्टर 2015 में भी क्रैश हुआ था, बच गए थे

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नई दिल्ली, 8 दिसंबर। देश की सुरक्षा के लिए सदैव खतरों से खेलने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत बुधवार को दुनिया छोड़कर चले गए, जब तमिलनाडु में नीलगिरि की पहाड़ियों पर हुए एक सैन्य हेलीकॉप्टर हादसे में जनरल रावत व उनकी पत्नी सहित 13 लोगों का दुखद निधन हो गया।

विडम्बना देखिए कि जनरल रावत के साथ यह दूसरा हेलीकॉप्टर हादसा था। एक बार पहले भी हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके थे। लेफ्टिनेंट जनरल पद पर रहते हुए 3 फरवरी, 2015 को उनका चीता हेलीकॉप्टर भी नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब वह बाल-बाल बच गए थे।

पिछले महीने भी क्रैश हुआ था Mi-17, सभी 12 सवार मारे गए थे

वस्तुतः एक माह के अंदर देश में दूसरा Mi-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है। पिछला चॉपर 19 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हुआ था। उस घटना में चॉपर में सवार सभी 12 लोग मारे गए थे।

कारगिल में भी इस्तेमाल हुआ था Mi-17, भारी बोझ ढोने में सक्षम

रूस निर्मित Mi-17 सीरीज के हेलीकॉप्टर का भारत 2012 से इस्तेमाल कर रहा है। यह मीडियम ट्विन टर्बाइन हेलीकॉप्टर है, जिसमें दो इंजन होते हैं। इस हेलीकॉप्टर को ट्रांसपोर्ट और बैटल दोनों ही रोल में इस्तेमाल किया जाता है।

तकनीकी तौर पर Mi-17 को इसके पिछले वर्जन Mi-8 में सुधार करके डेवलप किया गया था। इस चॉपर में भारी बोझ उठाने की क्षमता है। भारत ने कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी घुसपैठियों पर अटैक के लिए भी Mi-17 का इस्तेमाल किया था। दुश्मन की मिसाइल ने एक Mi-17 चॉपर को मार गिराया था। इसके बाद ही भारत ने अपने फाइटर जेट को हमले के लिए भेजा था।

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