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सीडीएस जनरल रावत का निधन : बेटियों ने मां-बाप को एक साथ खो दिया

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नई दिल्ली, 8 दिसंबर। भारत अपने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के दुखद निधन से शोकाकुल है। जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और कुछ सैन्य अधिकारियों सहित 13 लोगों का बुधवार को मध्याह्न बाद तमिलनाडु में एक सैन्य हैलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया।

31 दिसंबर, 2019 को देश के पहले सीडीएस नियुक्त किए गए जनरल बिपिन रावत के शोक संतप्त परिवार में दो बेटियां कृतिका व तरिणी हैं, जिन्होंने अपने मां-बाप को एक साथ खो दिया। जनरल रावत की पत्नी मधुलिका आर्मी वूमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं और शहीदों के आश्रितों की भलाई के अभियान में सक्रिय रहती थीं।

पौढ़ी गढ़वाल के सैन्य परिवार में हुआ था सीडीएस रावत का जन्म

लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के बेटे बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना को अपनी सेवाएं देता आया है। बिपिन रावत सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के छात्र थे। उन्हें दिसंबर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11वें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया था।

वर्ष 2016 में बने थे 27वें थल सेनाध्यक्ष

सीडीएस बनाए जाने से पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष थे। आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें एक सितम्बर, 2016 को भारतीय सेना का उप-सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था।

विशिष्ट सेवाएं देने के लिए कई बार हुए सम्मानित

जनरल बिपिन रावत को आतंकवादरोधी अभियानों में काम करने का कई वर्षों का अनुभव था। उन्होंने ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी कई वर्षों तक काम किया। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें ‘परम विशिष्ठ सेवा मेडल’ से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल आदि सम्मानों से नवाजा गया था।

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