नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से दिल्ली के सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मलिक से यह पूछताछ उनके उन आरोपों को लेकर की, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, तो उन्हें दो फाइलों को क्लियर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।
मलिक ने किया था दावा – जम्मू-कश्मीर में रिश्वत की पेशकश की गई थी
मेघालय समेत कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके मलिक पिछले लंबे समय से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। किसान आंदोलन के दौरान दिए गए कई बयानों ने केंद्र सरकार के लिए मुश्किलें पैदा की थीं। उन्होंने दावा किया था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, तब उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत ऑफर की गई थी। इसके बाद सीबीआई ने इन आरोपों की जांच शुरू कर दी थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई ने मलिक को दिल्ली स्थित सीबीआई दफ्तर बुलाकर पूरे मामले को लेकर उनसे सवाल-जवाब किया। पिछले वर्ष 17 अक्टूबर को राजस्थान के एक समारोह में मलिक ने कहा था, ‘दो फाइलें मेरे विचार के लिए आई थीं। सचिवों में से एक ने मुझसे कहा कि अगर मैं इन्हें मंजूरी देता हूं, तो मुझे प्रत्येक के लिए 150 करोड़ मिल सकते हैं। मैंने यह कहते हुए प्रस्ताव को ठुकरा दिया कि मैं कश्मीर में पांच कुर्ता पजामा लाया था और अभी उनके साथ वापस जाऊंगा।’ इसके बाद उन्होंने कहा था, ‘मैंने दोनों सौदे रद कर दिए। मैं जांच के लिए तैयार हूं.. मैं साफ-सुथरा हूं।’
‘पीएम को दी थी पूरे मामले की जानकारी‘
सत्यपाल मलिक ने आगे बताया था, ‘मेरे एक सचिव ने मुझसे कहा था कि मुझे दोनों सौदों में 150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं, लेकिन मैंने पीएम से समय मांगा और उन्हें घोटाले से अवगत कराया। मैंने उनसे कहा कि वे आपके करीबी विश्वासपात्र होने का दावा करते हैं। मुझे पीएम की सराहना करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने मुझे भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने के लिए कहा था। कश्मीर में भ्रष्टाचार व्याप्त था, जहां देश के अन्य हिस्सों में 5% की तुलना में कमीशन 15% था। लेकिन मुझे खुशी है कि मेरे कार्यकाल में कोई बड़ा भ्रष्टाचार नहीं हुआ।’
गत 3 अक्टूबर को खत्म हुआ मलिक का कार्यकाल
सत्यपाल मलिक इसी महीने रिटायर हुए हैं। मेघालय के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल गत तीन अक्टूबर को समाप्त हो गया और उन्हें कोई कार्यकाल विस्तार नहीं दिया गया। उनकी जगह पर मेघालय के गवर्नर के तौर पर बीडी मिश्र ने शपथ ली थी। रिटायरमेंट के बाद मलिक ने कहा था, ‘मैं तो पहले से ही इस्तीफा लेकर घूम रहा हूं, लेकिन अब मैं आजाद हूं। कुछ भी कर सकता हूं और जेल तक जा सकता हूं।’ बुलंदशहर के सेगली गांव में हुए किसान महासम्मेलन में पहुंचे मलिक ने सीधे मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘वे मुझ पर हमला करेंगे और सजा देने का प्रयास करेंगे, लेकिन कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे।’