मुंबई, 21 मई। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को लगातार दूसरे दिन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व स्थानीय क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कॉर्डेलिया क्रूज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम शामिल न करने के एवज में उनसे कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने संबंधी आरोपों के सिलसिले में पूछताछ के लिए वानखेड़े लगातार दूसरे दिन यहां सीबीआई के समक्ष पेश हुए।
अधिकारी ने बताया कि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी वानखेड़े सीबीआई के बांद्रा-कुर्ला परिसर स्थित कार्यालय में पूर्वाह्न साढ़े दस बजे के आसपास पहुंचे। कार्यालय में प्रवेश करते समय वानखेड़े ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है।
पहले दिन भी 5 घंटे से अधिक समय तक हुई थी पूछताछ
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान वानखेड़े को दोपहर का भोजन करने की अनुमति दी गई। उन्होंने बताया कि वानखेड़े शाम करीब साढ़े चार बजे सीबीआई कार्यालय से निकले। सीबीआई ने शनिवार को वानखेड़े से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। वानखेड़े ने शाम साढ़े चार बजे सीबीआई कार्यालय से बाहर निकलने के बाद अपने परिवार के सदस्यों के साथ मुंबई के प्रभादेवी स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन किए थे।
सीबीआई ने कथित तौर पर साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल में प्राथमिकी दर्ज की थी। वानखेड़े ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर जबरन वसूली और रिश्वत के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी रद करने का अनुरोध किया था।
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वानखेड़े को राहत देते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि उनके खिलाफ 22 मई तक गिरफ्तारी जैसी कोई कठोर काररवाई न की जाए। आर्यन को तीन अक्टूबर, 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ-रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने उसे तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास मादक पदार्थ होने और उनके द्वारा उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपित को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगने की साजिश रची।