नई दिल्ली, 27 मई। लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी कराने के मामले में रिश्वत लेने के आरोपों को लेकर चल रही पूछताछ के सिलसिले में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन CBI के समक्ष पेश हुए। यह मामला तब का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे। सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कार्ति चिदंबरम ने कहा, “मैंने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा है कि ये संसदीय विशेषाधिकार का घोर उल्लंघन है। मेरी संसदीय समिति के कागजात जो IT समिति से संबंधित हैं, उन्हें तलाशी और जब्ती के दौरान लिए गए। ये गोपनीय कागजात लेने का अधिकार किसी को नहीं है।”
- क्या है पूरा मामला
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि यह मामला 263 चीनी कर्मियों को दोबारा वीजा जारी करने के लिए वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी से जुड़ा है, जिसने कार्ति चिदंबरम और उनके करीबी एस भास्कररमन को 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों से संबंधित है।
दरअसल, टीएसपीएल पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी और ये 263 चीनी नागरिक उस परियोजना का हिस्सा थे। एजेंसी ने इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। प्राथमिकी के मुताबिक, बिजली संयंत्र स्थापित करने का काम चीनी कंपनी कर रही थी और यह परियोजना तय अवधि से काफी पीछे चल रही थी।