नई दिल्ली, 3 मई। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि उच्च न्यायालयों में सुनवाई के दौरान की जाने वाली टिप्पणी पर रिपोर्टिंग करने से मीडिया को नहीं रोका जा सकता।
ज्ञातव्य है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विधानसभा चुनाव कराए जाने पर मद्रास हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कर पाने में विफल रहने के लिए चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारियों पर संभवत: हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
चुनाव आयोग ने अदालत की इस टिप्पणी को गत शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आयोग ने इन टिप्पणियों को अनावश्यक और अपमानजनक करार दिया था। शीर्ष अदालत ने सोमवार को मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसके खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर मीडिया में लगातार चर्चा हो रही है।
लेकिन पीठ ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया महत्त्वपूर्ण एवं शक्तिशाली प्रहरी है और उसे उच्च न्यायालयों में हुई चर्चाओं की रिपोर्टिंग से रोका नहीं जा सकता।