नई दिल्ली, 28 जून। कनाडा ने चीन को बड़ा झटका दिया है। कनाडा सरकार ने आदेश जारी कर चीन की एक बड़ी कंपनी को देश में चल रहे सभी ऑपरेशंस को बंद करने को कहा है। कार्नी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए ये कदम उठाया है। कनाडा की उद्योग मंत्री मेलोनी जोली ने शुक्रवार (27 जून, 2025) को बताया कि सरकार ने चीनी सर्विलांस उपकरण बनाने वाली कंपनी हिकविजन को कनाडा में काम बंद करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि हिकविजन का देश में काम करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा। जोली ने कहा कि यह फैसला कनाडा के सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर लिया गया है। हिकविजन कंपनी पहले भी कई इंटरनेशनल जांच एजेंसियों की रडार पर रही है। अमेरिका ने पहले ही कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर रखा है और यूरोपीय यूनिय ने भी इस पर कई सवाल उठाए हैं।
आरोप है कि हिकविजन के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल चीन सरकार की ओर से निगरानी, मानवाधिकार उल्लंघन और यहां तक कि उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न में किया गया है। कनाडा का यह कदम इस संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह केवल एक तकनीकी प्रतिबंध नहीं बल्कि एक कूटनीतिक संदेश भी है कि कनाडा अपनी डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।
क्या बढ़ जाएगा चीन और कनाडा के बीच तनाव?
कनाडा और चीन के संबंध पहले से ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। हुवावे, माइकल कोवरिग और माइकल स्पावोर की गिरफ्तारी, हांगकांग नीति और अब हिकविजन प्रतिबंध ये सभी घटनाएं दोनों देशों के रिश्तों में तनाव की वजह बन चुकी हैं। अब देखना होगा कि बीजिंग इस निर्णय पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।
चीन शायद कनाडा के इस कदम को राजनीति से प्रेरित करार दे सकता है। इससे व्यापार और राजनयिक संवाद पर और असर पड़ सकता है। इसके अलावा कनाडा चीन पर देश में गलत और खुफिया तरीके से काम करने का आरोपी ठहरा चुका है।

