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यूपी चुनाव : छठे चरण के लिए थम गया प्रचार अभियान, 3 मार्च को होगा मतदान

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लखनऊ, 1 मार्च। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण का प्रचार अभियान मंगलवार शाम छह बजे थम गया। इस चरण के मतदान को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं कोविड सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराने के लिए जरूरी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने यह जानकारी दी।

10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर होगी वोटिंग

अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि इस चरण में प्रदेश के 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों के लिए तीन मार्च को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। इनमें अम्बेडकरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया एवं बलिया के विधान सभा क्षेत्र शामिल हैं।

सीएम योगी और उनके 6 मंत्रियों सहित कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

मतदान के छठे चरण में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके छह मंत्रियों के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।

गोरखपुर शहर विधानसभा से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुकाबले में समाजवादी पार्टी (सपा) की शुभावती शुक्ला के अलावा आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद मैदान पर डटे हैं वहीं बलिया की बांसडीह क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी सपा के टिकट पर मैदान मे हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर से किस्मत आजमा रहे

भाजपा छोड़ कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर में अपनी परंपरागत पडरौना सीट की बजाय फाजिलनगर से किस्मत आजमा रहे है जबकि कुशीनगर की तमकुही राज सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की प्रतिष्ठा दांव पर है।

सिद्धार्थनगर के इटवा से बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी का मुकाबला समाजवादी पार्टी की तरफ से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय से है वहीं देवरिया की पथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही और देवरिया सदर से सीएम के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी चुनाव मैदान में हैं।

बलिया की फेफना सीट से खेल मंत्री उपेन्द्र तिवारी जबकि अंबेडकरनगर के कटेहरी से बसपा विधानमंडल दल के नेता रहे लालजी वर्मा सपा के टिकट पर मैदान पर है। बलिया नगर में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की टक्कर सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय से है।

भाजपा ने पिछली बार 57 में 46 सीटें जीती थीं

गौरतलब है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 57 सीटों में से अकेले भाजपा के खाते में 46 सीटें आई थीं जबकि उसके सहयोगी दलों – अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को एक-एक सीट मिली थी। सुभासपा अब समाजवादी पार्टी गठबंधन का हिस्सा है। उस चुनाव में सपा को मात्र तीन सीटों से संतोष करना पडा था वहीं बसपा को चार और कांग्रेस को एक सीट मिली थी। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।