Site icon hindi.revoi.in

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल सरकार को रिसड़ा हिंसा पर रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश

Social Share

कोलकाता, 4 अप्रैल। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को हुगली जिले के रिसड़ा में हिंसा की ताजा घटना पर रिपोर्ट सौंपने का मंगलवार को निर्देश दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने एक खंडपीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया जिसके बाद यह निर्देश दिया गया।

अदालत ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी को इस घटना पर एक पूरक आरोपपत्र दाखिल करने का भी निर्देश दिया। रिसड़ा में सोमवार रात को रेलवे द्वार संख्या चार के समीप झड़पों में हावड़ा-बर्द्धमान मुख्य मार्ग पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुई थी।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्या की खंडपीठ ने अधिकारी के वकील द्वारा मामले का उल्लेख किए जाने के बाद रिसड़ा में हिंसा की ताजा घटना पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।

रिसड़ा में रविवार रात को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी जिसके बाद पुलिस ने आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश लागू किए थे और प्रभावित इलाके में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी।

पीठ ने राज्य सरकार को हावड़ा शहर के शिबपुर में हिंसा की घटनाओं और प्रभावित इलाके में शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए कदमों पर पांच अप्रैल को विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने राज्य सरकार को हिंसा की घटनाओं से संबंधित सीसीटीवी और वीडियो फुटेज जमा कराने का निर्देश दिया था।

सोमवार का आदेश पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी की जनहित याचिका पर आया जिसमें उन्होंने हिंसा के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि हिंसा के दौरान बम फेंके गये।

Exit mobile version