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महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार कल संभव, भाजपा और शिंदे गुट के 7-7 विधायक लेंगे शपथ

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मुंबई, 4 अगस्त। महाराष्ट्र में एमवीए सरकार की विदाई के बाद मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिए एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को एक माह से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अब तक राज्य में कैबिनेट विस्तार न होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। फिलहाल अब खबर आ रही है कि शिंदे-फडणवीस सरकार में कैबिनेट का विस्तार पांच अगस्त को हो सकता है।

सिर्फ वरिष्ठ विधायकों को ही मंत्रिपद मिलेगा

शिवसेना के शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने हाल ही में कहा था कि इस सप्ताह ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। गुरुवार को सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में अभी सिर्फ वरिष्ठ विधायकों को ही मंत्रिपद मिलेगा। फिलहाल भाजपा और शिंदे गुट के सात-सात विधायक मंत्रिपद की शपथ ले सकते हैं।

इन नेताओं को दिलाई जा सकती है मंत्रिपद की शपथ

प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार, गिरीश महाजन, प्रवीण दरेकर, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाइक और रवींद्र चह्वाण भाजपा की ओर से मंत्रिपद की शपथ ले सकते हैं। इनके अलावा आशीष शेलार और चंद्रशेखर बावनकुले का नाम भी मंत्रिपद की रेस में है।

वहीं, शिंदे गुट से ठाकरे सरकार में मंत्री रहे दादा भूसे, उदय सामंत, गुलाबराव पाटिल, शंभू राजे देसाई, संदीपन भुमरे, संजय शिरसाठ, अब्दुल सत्तार और प्रहर जनशक्ति पक्ष के बच्चू कडू मंत्रिपद की शपथ ले सकते हैं। शिंदे गुट में शामिल होकर बगावत का बिगुल फूंकने वाले आठ विधायक ठाकरे सरकार में मंत्री थे। इन सभी को कैबिनेट में शामिल करना और अपने सभी 40 विधायकों को संतुष्ट करना एकनाथ शिंदे के सामने बड़ी चुनौती है।

शिंदे सरकार एक माह में जारी कर चुकी है 751 सरकारी आदेश

फिलहाल गौर करने वाली बात यह है कि एक महीने में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार भले ही नहीं हुआ, लेकिन शिंदे सरकार ने एक महीने में 751 सरकारी आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें से 100 से अधिक आदेश अकेले स्वास्थ्य विभाग से संबंधित हैं। इसके पूर्व शिवसेना में विद्रोह होने के बाद ही पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने चार दिन के अंदर 182 सरकारी आदेश जारी किए थे।

सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश – शिवसेना की दावेदारी पर कोई फैसला न करें

इस बीच महाराष्‍ट्र में राजनीतिक संकट पर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए मौखिक आदेश में कहा कि आयोग फिलहाल शिवसेना पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की दावेदारी को लेकर फैसला न करें। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहने तक चुनाव आयोग से शिवसेना पर दावेदारी को लेकर कोई फैसला न लेने के लिए कहा है।

शिंदे सरकार के गठन की संवैधानिका पर 8 अगस्त को हो सकती है सुनवाई

शीर्ष अदालत इस मामले की अंतिम सुनवाई आठ अगस्त को कर सकती है। महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि एकनाथ शिंदे सरकार का गठन संवैधानिक तौर पर सही है या नहीं। इस मामले में दलबदल कानून, विधायकों की स्वायत्ता और पार्टी की नीतियों से विधायकों के अलग होने साथ ही विधायकों की खरीद-फरोख्त को नए सिरे से देखा जा सकता है।