नई दिल्ली, 27 फरवरी। नागरिकता संशोधन कानून को संसद से पारित हुए कमोबेश पांच वर्ष बीत चुके हैं। अब केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले इसे देश में लागू कर सकती है। सूत्रों के अनुसार इसकी तमाम तैयारियां कर ली गई हैं और आचार संहिता से पहले इसका नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
गृह मंत्री अमित शाह भी अपने चुनावी भाषणों में नागरिकता संशोधन कानून या CAA को लागू करने की बात कर चुके हैं। उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। इस कानून के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है.
इन देशों के लोगों को मिलेगी नागरिकता
वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश को 31 दिसम्बर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। नियमों के अनुसार नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा।
नागरिकता के लिए पोर्टल पर करना होगा रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल भी तैयार कर लिया है, जिसे आने वाले समय में लॉन्च किया जाएगा। तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को पोर्टल पर अपनी रजिस्ट्रेशन करना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।