नई दिल्ली, 22 अगस्त। इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से वहां मौजूद अन्य देशों के साथ अफगानिस्तान के नागरिक भी बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान भारत सरकार सभी भारतीयों की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी में लगी हुई है। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर रविवार को दिन में 168 लोगों को एयरलिफ्ट कर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरा।
पहले यह आशंका जाहिर की गई थी कि तालिबान मिलिशिया अफगान जन प्रतिनिधियों को भारतीय वायुसेना की उड़ान लेने से रोक सकती थी। लेकिन पूरी योजना को तब तक गुप्त रखा गया, जब तक कि अफगानिस्तान से विमान ने उड़ान नहीं भरी।
अत्यधिक भीड़ की वजह से आईएएफ का विमान काबुल हवाई अड्डे पर मंजूरी का इंतजार कर रहा था क्योंकि कई देशों ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए अपने सैन्य विमान भेज रखे हैं।
एक अधिकारी ने बताया, ‘अमेरिकी अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है और वे युद्धग्रस्त देश से हवाई संचालन का प्रबंधन कर रहे हैं। इस भारी भीड़ में, एक विमान के लिए एक स्लॉट तैयार करना और निकासी उड़ान के लिए एक सुरक्षित हवाई मार्ग का निर्धारण भी एक प्रमुख चुनौती बन गया है।’
अफगानिस्तान से लौटे 168 लोगों में से 107 भारतीय हैं जबकि अन्य 61 लोगों में अफगानिस्तान के नागरिक भी शामिल हैं। काबुल में फंसे लोगों ने भारत पहुंचकर राहत की सांस ली। इस दौरान कई लोग अपने आंसू रोक नहीं पाए और रोने लगे।
रो पड़े अफगानिस्तान के सांसद नरेंद्र सिंह खालसा
काबुल से लौटे अफगानिस्तान के सांसद नरेंद्र सिंह खालसा रो पड़े। उन्होंने कहा, ‘मेरे आंसू रुक नहीं रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में काबुल में जो बनाया गया था, वह सब खत्म हो चुका है। वहां सब जीरो है।’
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर अफगानिस्तान से आए सभी यात्रियों का हिंडन एयरबेस पर आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया। उसके बाद उन्हें जाने दिया गया।
इन 168 यात्रियों के अलावा रविवार की सुबह ही एअर इंडिया की फ्लाइट से 89 यात्री इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। इनमें 87 भारतीय और दो नेपाली नागरिक थे।