लखनऊ, 13 मार्च। मेरठ में एसपी ग्रामीण के पद पर तैनात आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह का रिश्वत लेने का वीडियो रविवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल रहा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपने ट्वीट में आईपीएस अधिकारी के वीडियो को शेयर करते हुए राज्य सरकार पर तंज कसा।
उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोज़र की दिशा उनकी तरफ़ बदलेगी या फिर फ़रार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफ़ा-दफ़ा करवा देगी।
उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी ज़ीरो टालरेंस की सच्चाई। pic.twitter.com/JsMAhzRFPU
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 12, 2023
शासन ने दिए जांच के आदेश
अखिलेश यादव के ट्वीट और इंटरनेट मीडिया में तूल पकड़ते मामले को शासन ने गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं और तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है। वीडियो में आइपीएस अफसर किसी व्यक्ति से वीडियो काल के माध्यम से वार्तालाप करते हुए दिखाई दे रहे है।
- तीन दिनों में मांगी गई रिपोर्ट
उक्त वीडियो के आधार पर अनिरुद्ध सिंह के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि यह प्रकरण तीन वर्ष पुराना बताया जा रहा है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा कमिश्नर वाराणसी से इसके संबंध में जांच कर तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी गई है।
- महिला आइपीएस पर किराया नहीं देने का आरोप
वहीं, महिला आईपीएस अधिकारी आरती सिंह, जो डीसीपी वरुणा जोन कमिश्नरेट वाराणसी में नियुक्त है से संबंधित एक ट्वीट भी चर्चा का विषय बना। जिसमें उनके द्वारा अपने मकान मालिक को फ्लैट का किराया नहीं देने का आरोप लगाया गया है। आरती सिंह, आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह की पत्नी है।
- पुलिस मुख्यालय ने तीन दिनों में मांगी रिपोर्ट
इस संदर्भ में भी यह बात सामने आई है कि आरती सिंह द्वारा अपने मकान मालिक के किराए का भुगतान कर दिया गया है तथा कोई भी बकाया नही है। परंतु फिर भी इस प्रकरण में भी पुलिस मुख्यालय द्वारा कमिश्नर वाराणसी को जांच करके तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
- अखिलेश ने भाजपा सरकार पर कसा तंज
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आईपीएस अधिकारी के वीडियो को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि, उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजर की दिशा उनकी तरफ बदलेगी या फिर फरार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफा-दफा करवा देगी। उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी जीरो टालरेंस की सच्चाई।