नई दिल्ली, 31 जनवरी। संसद का बजट सत्र मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ इस सत्र की शुरुआत हुई। राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को संबोधित कर रही हैं। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज अंडमान निकोबार में हमने सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज को सम्मान दिया था। हाल ही में मेरी सरकार ने नेताजी पर भव्य म्यूजियम का उद्घाटन भी किया है। परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान के द्वीपों का नामकरण भी किया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज हमारी नौसेना को भी छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतीक दिया गया है। अब देश में आधुनिक संसद भवन भी बन रहा है। एक तरफ हम आदि शंकराचार्य, भगवान बसवेश्वर, गुरुनानक देव जी के दिखाए रास्तों पर बढ़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ भारत टेक्नोलॉजी का हब भी बनता जा रहा है। आज भारत अपनी पुरातन विधाओं को पूरी दुनिया में पहुंचा रहा है, तो वहीं फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड बन कर दुनिया की मदद भी कर रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता आज हम देख रहे हैं। देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हुई है एवं महिलाओं का स्वास्थ्य भी पहले के मुकाबले और बेहतर हुआ है। यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी कार्यक्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई बंदिश न हो।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार की तरफ से जितनी भी योजनाएं शुरू की गईं, उनमें महिलाओं का हित सर्वोपरि रखा गया है। उनके रोजगार से लेकर प्रतिनिधित्व को भी ऊपर रखा गया। महिला सशक्तिकरण इस सरकार की बड़ी उपलब्धि है। पुरुषों के मुकाबले अब बेटियों की संख्या बढ़ी है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना हो या प्रधानमंत्री मातृत्व योजना, सरकार ने महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में काम किया है।
सैनिक स्कूलों से लेकर मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूल तक आज हमारी बेटियां ट्रेनिंग ले रही हैं। यह मेरी सरकार ही जिसने मातृत्व अवकाश को बढ़ाया है। मुद्रा योजना की 70 फीसदी लाभार्थी महिलाएं हीं हैं। इस योजना से महिलाओं की आर्थिक शक्ति और उनकी भागीदारी बढ़ी है।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को आर्थिक सर्वे पेश करेंगी। एक फरवरी सुबह 11 बजे वित्त मंत्री द्वारा आम बजट 2023-24 पेश किया जाएगा। उधर, बजट सत्र को लेकर संसद में हंगामे के आसार हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने अभिभाषण के बहिष्कार करने का फैसला लिया है। बीआरएस के सांसद केशव राव ने कहा कि हम राष्ट्रपति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम लोकतांत्रिक विरोध के माध्यम से एनडीए सरकार की शासन विफलताओं को उजागर करना चाहते हैं।