चंडीगढ़, 13 सितम्बर। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार हैं। इस क्रम में वह पूर्व उप प्रधानमंत्री दिवंगत देवीलाल की जयंती पर 25 सितम्बर को बसपा व इनेलो की पहली संयुक्त चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगी।
बसपा नेताओं के अनुसार, इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में बसपा और इनेलो का गठबंधन भाजपा व कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास कराएगा। इस गठबंधन के जीते नेता ही हरियाणा में सरकार के गठन में अहम रोल निभाएंगे। फिलहाल मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद इस समय राज्य में चुनाव प्रचार का दायित्व संभाले हुए हैं।
गठबंधन के तहत बसपा के 37 व इनेलोके 53 उम्मीदवार मैदान में
उल्लेखनीय है कि बसपा इस बार हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही हैं। इस गठबंधन के तहत बसपा ने 37 और इनेलो ने 53 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। बसपा नेताओं का दावा है कि हरियाणा में पार्टी का बड़ा जनाधार है और दलित समाज पर पकड़ होने के नाते इस राज्य में बसपा को कई सीटों पर जीत भी हासिल हुई है।
वैसे देखा जाए तो देश के अन्य राज्यों की तरह ही हरियाणा में भी बसपा का जनाधार घटा है। हालांकि हरियाणा में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए मायावती के बीते 15 वर्षों में इनेलो, जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) और लोसुपा (लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी को अपेक्षित जीत हासिल नहीं हुई।
बसपा नेताओं का कहना है कि हरियाणा में जेजेपी बनने के बाद से इनेलो का वोट बैंक लगातार कम हुआ है। बसपा के साथ भी ऐसा ही हुआ है। ऐसे में बसपा और इनेलो के नेताओं ने मिलकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया। इस फैसले के तहत मायावती की यह कोशिश है कि इनेलो और बसपा के वोट गठबंधन के उम्मीदवारों को मिलें औ बसपा व इनेलो के प्रभाव वाली सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की जा सके।
25 सितम्बर के बाद मायावती की हरियाणा में 4 और जनसभाएं होंगी
इसी क्रम में 25 सितम्बर को बसपा और इनेलो की पहली संयुक्त चुनावी जनसभा होगी। इसके बाद मायावती चार और जनसभाओं को हरियाणा में संबोधित करेंगी। ये चार जनसभाएं कहां और किस तारीख को होंगी, इस आशय की घोषणा भी जल्द ही कर दी जाएगी।