लंदन, 26 अक्टूबर। ब्रिटेन के नवनियुक्त प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मंगलवार को पद का कार्यभार संभालने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की घोषणा की। नए मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री आलोक शर्मा को जगह नहीं मिली है। वहीं, डॉमिनिक राब को यूके का उप-प्रधानमंत्री और जस्टिस सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है।
भारतीय मूल के सुनक ने देश में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए पूर्ववर्ती लिज ट्रस नीत सरकार में हाल में वित्त मंत्री बनाए गए जेरेमी हंट को पद पर बरकरार रखने का फैसला किया है। साथ ही, भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन को गृह मंत्री के पद पर वापस लाया गया है।
सुएला ने लिज ट्रस की सरकार से दे दिया था इस्तीफा
सुनक के वफादार नहीं होने के बावजूद विदेश मंत्री के रूप में जेम्स क्लीवरली भी अपने पद पर बने रहेंगे, जिसका उद्देश्य निरंतरता बनाये रखना है। सुएला ब्रेवरमैन, लिज ट्रस की तत्कालीन सरकार में भी गृह मंत्री रही थीं। उन्होंने लिज ट्रस नीत सरकार के कामकाज से नाखुशी जताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। ब्रेवरमैन के त्यागपत्र से ही ट्रस की प्रधानमंत्री की कुर्सी पर संकट गहरा गया था।
फिलहाल यह देखना अभी बाकी है कि आव्रजन पर ब्रेवरमैन के सख्त रूख से नए मंत्रिमंडल में कैसे बात बनती है क्योंकि वीजा की समयावधि बीत जाने के बाद भी भारतीयों के ठहरने के बारे में उनके बयान से वर्तमान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) वार्ता को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार संधि वार्ता को कुछ स्थायित्व मिलने की उम्मीद
केमी बैडेनोच के विदेश व्यापार मंत्री के रूप में अपने पद पर बने रहने से वर्तमान एफटीए वार्ता को कुछ स्थायित्व मिल सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री ट्रस ने हंट को इस महीने की शुरुआत में देश का वित्त मंत्री नियुक्त किया था। हंट ने ट्रस द्वारा करों में कटौती से संबंधित मिनी बजट को वापस ले लिया था। वह सुनक के सहयोगी रहे हैं और ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि वह अपने पद पर बने रहेंगे।
सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के लिज ट्रस और बोरिस जॉनसन गुट के कई लोगों ने सुनक के 10 डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास) में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया। भारतीय मूल के सांसद आलोक शर्मा ने कैबिनेट कार्यालय मंत्री की भूमिका खो दी और ब्रिटेन की तरफ से अगले माह मिस्र में आयोजित होने वाले कॉप 27 (संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन) में बातचीत करने के लिए केवल कॉप 26 के अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे।