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ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमन की चेतावनी :  भारतीय सेना हटी तो अफगानिस्तान जैसी हो जाएगी कश्‍मीर की हालत

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लंदन, 24 सितम्बर। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्‍लैकमन ने चेतावनी दी है कि यदि भारतीय सेना जम्मू-कश्‍मीर से हटती है तो अफगानिस्‍तान की तरह से कश्‍मीर में इस्‍लामिक ताकतें लोकतंत्र का खात्‍मा कर देंगी। ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में कश्‍मीर पर चर्चा के दौरान बॉब ने ये बातें कहीं।

कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमन ने कहा, ‘हमने देखा है कि अफगानिस्‍तान में क्‍या हुआ। अगर भारतीय सेना हटती है तो जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों का दुख कुछ उसी तरह से हो जाएगा, जैसे अफगानिस्‍तान में इस्‍लामिक ताकतों के आने और वहां पर लोकतंत्र के खात्‍मे से हुआ है।’

सेना ने जम्‍मू-कश्‍मीर को तालिबान के कब्‍जे वाला अफगानिस्‍तान बनने से रोका

दरअसल, हाउस ऑफ कॉमन्‍स में ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम और पाकिस्‍तानी मूल की सांसद यास्मीन कुरेशी ने कश्‍मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक चर्चा शुरू की थी। इस चर्चा के क्रम में ही बॉब ने कहा कि यह केवल भारतीय सेना और उसकी मजबूती है, जिसने जम्‍मू-कश्‍मीर को तालिबान के कब्‍जे वाला अफगानिस्‍तान बनने से रोका है। उन्‍होंने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर भारत का कानूनी और आधिकारिक रूप से अभिन्‍न हिस्‍सा है।

एपीपीजी सांसदों के प्रस्ताव पर भारत ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया

ज्ञातव्य है कि ब्रिटेन में कश्मीर पर ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप’ (एपीपीजी) के सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा के लिए ‘कश्मीर में मानवाधिकारों’ पर एक प्रस्ताव रखा है। इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि देश के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर किए गए दावे को पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में एशिया की मंत्री अमांडा मिलिंग ने गुरुवार को चर्चा में द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर कश्मीर पर ब्रिटेन सरकार के रुख में कोई परिवर्तन न आने की बात दोहराई।

मिलिंग ने कहा, ‘सरकार कश्मीर में स्थिति को बहुत गंभीरता से लेती है, लेकिन भारत और पाकिस्तान को ही कश्मीरी लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशना होगा। ब्रिटेन का जिम्मा इसका कोई समाधान देना या मध्यस्थ के तौर पर काम करने का नहीं है।’

भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर भी निराशा जताई है। लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधे जाने की भी निंदा की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया।