नई दिल्ली, 27 अगस्त। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा है कि वैश्विक परिदृश्य में भारत की G20 की अध्यक्षता के लिए तयशुदा निर्धारित मानदंड को परखने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस पर ‘जय श्री राम’ के उद्घोष को आधार माना जा सकता है।
यूके में सभी तीन वीजा श्रेणियों में भारतीय शीर्ष पर
एलिस ने 1905 में बंगाल विभाजन की साजिश रचने वाले भारत के तत्कालीन वायसराय का जिक्र करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा ‘जय श्री राम’ कहा जाना ऐसे है, मानो लॉर्ड कर्जन का गला घोंट दिया गया होगा।”
15 अगस्त को मोरारी बापू की राम कथा में शामिल हुए थे पीएम ऋषि सुनक
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गत 15 अगस्त को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में आध्यात्मिक नेता मोरारी बापू द्वारा ‘राम कथा’ पाठ में भाग लिया था। यह कार्यक्रम उसी दिन था, जिन दिन भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा था।
मोरारी बापू के राम कथा में ‘जय सिया राम’ का उद्घोष करते हुए ब्रिटिश पीएम सुनक ने अपने संबोधन में कहा था, “भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर मोरारी बापू की राम कथा में उपस्थित होना मेरे लिए बेहद गर्व की बात है।”
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए विश्वास बहुत व्यक्तिगत है। यह मेरे जीवन के हर पहलू में मेरा मार्गदर्शन करता है। प्रधानमंत्री बनना एक बड़ा सम्मान है, लेकिन यह एक आसान काम नहीं है। कठिन निर्णय लेने होते हैं, कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ता है और हमारा विश्वास हमें बल देता है। मुझमें अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का साहस, ताकत और लचीलापन अपने इसी धर्म से मिलता है।’