लंदन, 12 जून। ब्रिटिश सरकार ने शनिवार को एक मौलवी को आधिकारिक सलाहकार के रूप में उनकी भूमिका से बर्खास्त कर दिया। दरअसल, मौलवी पर पैगंबर मोहम्मद की बेटी के बारे में एक नई फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आरोप लगा है।
फिल्म ‘द लेडी ऑफ हेवन’ पर ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए मुस्लिम समूहों ने इस हफ्ते ब्रिटेन के सिनेमाघरों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सिनेमा चेन को सभी स्क्रीनिंग रद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
सिनेवर्ल्ड की घोषणा ब्रिटेन के उत्तरी शहर लीड्स के एक इमाम और वकील कारी आसिम द्वारा सोमवार को फेसबुक पर पोस्ट किए जाने के बाद हुई। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा कि फिल्म ने ‘मुसलमानों को बहुत दर्द और चोट पहुंचाई।’
यह देखते हुए कि उनके अपने समूह ने विरोध प्रदर्शनों में भाग नहीं लिया था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए समर्थन व्यक्त किया था, आसिम ने उस शाम लीड्स में एक विरोध प्रदर्शन का विवरण प्रचारित किया। आसिम को लिखे एक पत्र में सरकार ने कहा कि फेसबुक पोस्ट मुस्लिम विरोधी नफरत पर एक आधिकारिक कार्यकारी समूह के डिप्टी चेयरमैन के रूप में उनकी स्थिति के साथ असंगत थी।
सरकार ने आसिम की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए कहा कि फिल्म के खिलाफ अभियान ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया है, जिसने धार्मिक घृणा को बढ़ावा दिया है। सरकारी बयान में यह भी कहा गया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करने के अभियान में यह स्पष्ट भागीदारी सरकारी सलाहकार की भूमिका के साथ असंगत है।
वहीं, अभियान पर सुन्नियों द्वारा शिया विरोधी घृणा को उकसाने का आरोप लगाया। आसिम की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई, जिन्होंने अपनी बर्खास्तगी तक इस्लामोफोबिया पर सरकार के एक स्वतंत्र सलाहकार के रूप में भी काम किया। फिल्म के कार्यकारी निर्माता मलिक श्लिबक ने द गार्जियन अखबार से शिकायत की कि सिनेमा चेन दबाव में टूट रही हैं।