लंदन/मॉस्को, 15 फरवरी। यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका से यूरोप में मंडराते युद्ध के खतरे के बीच अमेरिका के बाद अब ग्रेट ब्रिटेन ने भी रूस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस क्रम में ब्रिटेन ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसने अपने कदम पीछे नहीं खींचे तो वह रूसी कम्पनियों पर प्रतिबंध लगाने के विषय में गंभीरता से विचार करेगा।
रूस की आक्रामक नीतियों के खिलाफ पश्चिमी मुल्कों को एकजुट जवाब देना होगा
ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि अगर यूक्रेन पर आक्रमण करने का प्रयास रूस द्वारा किया जाता है तो वह उसके लिए गंभीर भुगतने के लिए भी तैयार रहे। इसके साथ ही ब्रिटेन ने कहा है कि रूस के व्यापक आक्रामक नीतियों के खिलाफ और विवाद बढ़ने की स्थिति में पश्चिमी मुल्कों को एकजुट होकर जवाब देना होगा।
दरअसल ब्रिटेन के इतने सशक्त तरीके से आगे आने के पीछे रूस द्वारा यूक्रेन की सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती और मिलिट्री के बढ़ते साजो-सामान को बड़ा कारण माना जा रहा है। वैसे यूक्रेन संकट पर ब्रिटेन के अलावा अमेरिका, यूरोपियन यूनियन सहित कई अन्य गठबंधन देशों ने रूस को यूक्रेन पर हमला की सूरत में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देने के साथ ही आर्थिक प्रतिबंधों की भी धमकी दी है।
ब्रिटिश पीएम जॉनसन बोले – रूसी कम्पनियों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘यूक्रेन पर रूस द्वारा हमले किया गया तो रशियन बैंक और रशियन कम्पनियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हम स्पष्ट कर रहे हैं कि हमले की सूरत में हमारी ओर से निश्चित तौर से कदम उठाएंगे और वो ज्यादा ठोस और आक्रामक होंगे। हम रशियन कम्पनियों को लंदन के बाजार में धन अर्जित करने से भी रोक देंगे और यह काफी कठोर कदम होगा।’
वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ही मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मिसाइल तैनाती की सीमा और सैन्य पारदर्शिता के मुद्दे पर वह अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
पश्चिमी देशों को रूस की मुख्य चिंताओं को सुनने की जरूरत : पुतिन
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के साथ वार्ता के बाद पुतिन ने कहा कि अमेरिका और नाटो ने यूक्रेन तथा पूर्व सोवियत संघ में शामिल रहे देशों को नाटो के बाहर रखने की मांग, रूसी सीमाओं के पास हथियारों की तैनाती रोकने और पूर्व यूरोप से नाटो के सैनिकों को वापस बुलाने की रूस की मांग खारिज कर दी है। हालांकि वे कई सुरक्षा उपायों पर चर्चा करने के लिए तैयार हुए, जिनका रूस ने पूर्व में प्रस्ताव किया था।
पुतिन ने कहा कि यूरोप में मध्यम दूरी की मिसाइल की तैनाती की सीमाओं, सैन्य अभ्यास की पारदर्शिता और अन्य विश्वास बहाली उपायों पर वार्ता करने के लिए रूस तैयार है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पश्चिमी देशों को रूस की मुख्य चिंताओं को सुनने की जरूरत है।
पुतिन का यह बयान रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा सैन्य अभ्यास से सैनिकों को आंशिक रूप से वापस बुलाए जाने की घोषणा के बाद यह बयान आया है। दिन में रूसी रक्षा मंत्रालय की इस घोषणा से यह उम्मीद जगी है कि मॉस्को यूक्रेन पर हमला करने की दिशा में आगे नहीं बढ़ सकता है। वैसे, रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण की किसी योजना से इनकार भी किया है।