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बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक : ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्‍ट्रेलिया ने भी की राजनयिक बहिष्‍कार की घोषणा

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नई दिल्ली, 9 दिसंबर। अमेरिका के बाद ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्‍ट्रेलिया ने भी बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक-2022 के राजनयिक बहिष्‍कार की घोषणा कर दी है। ये सभी देश चीन में मानवाधिकार उल्‍लंघन को लेकर बीजिंग ओलंपिक का राजनयिक बहिष्‍कार कर रहे हैं। हालांकि इन देशों के खिलाड़ी अगले वर्ष चार फरवरी से 20 फरवरी तक होने वाले खेलों में भागीदारी करेंगे।

चीन में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर सभी देश चिंतित

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने घोषणा की कि ब्रिटिश सरकार का कोई भी मंत्री शीतकालीन ओलंपिक में शामिल नहीं होगा।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि चीन की सरकार द्वारा लगातार मानवाधिकार उल्‍लंघनों को लेकर विश्‍व के अनेक देश चिंति‍त हैं। उन्‍होंने संवाददाताओं से कहा कि कनाडा से कोई भी राजनयिक प्रतिनिधि बीजिंग ओलंपिक के लिए नहीं जाएगा।

इससे पहले कल ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन ने कहा कि बीजिंग खेलों का राजनयिक बहिष्‍कार ऑस्‍ट्रेलिया के राष्‍ट्रीय हित में है।

अमेरिका ने पहले ही कर दी थी राजनयिक बहिष्‍कार की घोषणा

अमेरिका ने पहले ही राजनयिक बहिष्‍कार की घोषणा कर दी थी। राष्‍ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने चीन के शिनजियांग प्रांत में अल्‍पसंख्‍यक मुस्लिमों के नरसंहार को इसका कारण बताया है। सोमवार को अमरीकी राष्‍ट्रपति कार्यालय ह्वाइट हाउस ने बीजिंग ओलंपिक खेलों में आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजने की घोषणा कर दी थी।

न्यूजीलैंड ने कोरोना महामारी को बताया कारण

न्‍यूजीलैंड भी अपना प्रतिनिधिमंडल नहीं भेज रहा है, लेकिन उसने इसका कारण कोरोना महामारी को बताया है। हालांकि उसने चीन में मानवाधिकार उल्‍लंघन को लेकर भी चिंता व्‍यक्‍त की है।

आईओसी प्रमुख ने खिलाड़ियों की भागीदारी पर जताई प्रसन्नता

इस बीच अंतरराष्‍ट्रीय ओलंपिक (आईओसी) के प्रमुख थॉमस बाक ने कहा है कि राजनयिक बहिष्‍कार के बावजूद खिलाड़ियों के ओलंपिक खेलों में भाग लेने की उन्‍हें प्रसन्‍नता है। उन्‍होंने कहा कि सरकारी प्रतिनिधियों की उपस्थिति प्रत्‍येक सरकार का अपना राजनीतिक निर्णय है।

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