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बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न केस में मिली सशर्त जमानत

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नई दिल्ली, 20 जुलाई। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और उनके एक करीबी व डब्ल्यूएफआई के पूर्व पदाधिकारी विनोद तोमर को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में गुरुवार को जमानत दे दी।

अदालत को बिना सूचना दिए विदेश दौरे पर नहीं जा सकेंगे

अदालत ने बृजभूषण सिंह और  विनोद तोमर को 25 हजार रुपये के निची मुचलके पर सशर्त जमानत देने के साथ ही यह शर्त रखी है कि वह बिना सूचना दिए विदेश दौरे पर नहीं जाएंगे। इसके अलावा गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगे और सबूतों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ की कोशिश भी नहीं करेंगे। कोर्ट ने अब इस केस के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की है।

दिल्ली पुलिस बोली – जमानत का न विरोध करते हैं और न ही पक्ष में हैं

वहीं बृजभूषण की जमानत को लेकर दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह न तो इसका विरोध करती है और ना ही इसके पक्ष में है। इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्वाह्न ही मामले की सुनवाई की थी और जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिर अदालत ने अपराह्न चार बजे कार्यवाही शुरू की और बृजभूषण को केस में नियमित जमानत दिए जाने का फैसला सुनाया। स्मरण रहे कि अदालत ने बीती 18 जुलाई को ही बृजभूषण को अंतरिम जमानत दी थी।

बृजभूषण के वकील ने कहा था कि उन्हें जब चार्जशीट दाखिल करने तक गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं पड़ी तो फिर अब इसकी जरूरत ही क्या है। इसी को आधार मानते हुए अदालत ने उन्हें बेल दे दी। बृजभूषण के अलावा विनोद तोमर को भी राहत मिली है। उन्हें भी कुल छह मामलों में से दो में सह-आरोपित बनाया गया है।

गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह खुद पर लगे आरोपों को लगातार खारिज करते रहे हैं। यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर उनका कहना है कि उन्होंने पहलवानों के शरीर को इसलिए छुआ था कि ताकि उनके सांस लेने के पैटर्न को छू सकें। इसके पीछे उनका कोई गलत इरादा नहीं था।

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