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पीएम मोदी की अध्यक्षता में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन शुरू, पुतिन ने उठाया अफगानिस्तान का मुद्दा

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नई दिल्ली, 9 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को पांच देशों के समूह ब्रिक्स (BRICS)  का 13वां वार्षिक शिखर सम्मेलन शुरू हुआ। डिजिटल प्रारूम के माध्यम से आयोजित इस समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो भी शामिल हुए।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की दूसरी बार अध्यक्षता कर रहे पीएम मोदी ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा, ‘ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इस समिट की अध्यक्षता करना मेरे और भारत के लिए खुशी की बात है। आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है।’

विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रभावकारी आवाज बनकर उभरा है ब्रिक्स

वर्ष 2016 (गोवा) के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की भी अध्यक्षता कर चुके पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुनी है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है।’

पीएम मोदी ने कहा, “हाल ही में पहले ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से हेल्थ एसेस बढ़ाने के लिए यह एक इनोवेटिव कदम है। आगामी नवम्बर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे। यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स  ने मल्टीलेटरर सिस्टम्स की मजबूती और सुधार पर एक साझा पोजीशन ली। हमने ब्रिक्स ‘काउंटर टेरेरिज्म एक्शन प्लान’ भी अडॉप्ट किया है।”

अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद पैदा हुआ नया संकट पुतिन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना और उसके सहयोगियों की वापसी ने एक नया संकट पैदा कर दिया है। यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि यह वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा को कैसे प्रभावित करेगा।

अफगानिस्तान को अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए

उन्होंने कहा, ‘यह अच्छा कारण है कि हम देशों ने इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया है। अफगानिस्तान को आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का स्रोत के रूप में अपने पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए।’

जिनपिंग बोले – ब्रिक्स देशों ने कई क्षेत्रों में की है ठोस प्रगति

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, ‘पिछले 15 वर्षों में हमारे पांच देशों ने खुलेपन, समावेशिता और समानता की भावना में रणनीतिक संचार और राजनीतिक विश्वास बढ़ाया, एक-दूसरे की सामाजिक व्यवस्था का सम्मान किया। राष्ट्रों के लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत करने का ठोस तरीका खोजा।’

जिनपिंग ने कहा, ‘पिछले डेढ़ दशक में हमने व्यावहारिकता, नवाचार और समान सहयोग की भावना से सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में ठोस प्रगति की है। हमने बहुपक्षवाद का समर्थन किया है और समानता, न्याय और पारस्परिक सहायता की भावना से वैश्विक शासन में भाग लिया है।’

ज्ञातव्य है कि BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश हैं, जो वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस बार शिखर सम्मेलन का विषय है – ‘ब्रिक्स @15 : निरंतरता, समेकन और आम सहमति की खातिर अंतर-ब्रिक्स सहयोग।’