Site icon hindi.revoi.in

पुण्यतिथि विशेष: बॉलीवुड अभिनेता भारत भूषण गायक बनना चाहते थे

Social Share

मुंबई, 27 जनवरी। बॉलीवुड अभिनेता भारत भूषण ने पचास-साठ के दशक में अपनी अभिनीत फिल्मों से दर्शकों के बीच खास पहचान बनायी लेकिन वह अभिनेता नहीं गायक बनना चाहते थे। 14 जून 1920 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में जन्में भारत भूषण का रूझान बचपन के दिनो से ही संगीत की ओर था और वह गायक बनना चाहते थे। भारत भूषण के पिता रायबहादुर मोतीलाल वकील थे। भारत भूषण के पिता चाहते थे कि उनका बेटा भी उन्हीं की तरह वकील बने लेकिन भारत भूषण को यह बात मंजूर नही थी।

एक बार पिता के किसी काम के सिलसिले में बाहर जाने पर भारत भूषण दोस्तों के साथ फिल्म देखने चले गए थे। लेकिन वह फिल्म देख के वापस नहीं आ पाए और उनके पिता घर आ चुके थे। यह जानने के बाद कि भारत फिल्म देखकर आ रहे हैं। उनके पिता ने उनकी खूब पिटाई की थी। लेकिन भारत भूषण पर तो अभिनय का भूत सवार था। घर से भाग कर कलकत्ता जा पंहुचे। भक्ति फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किए, कलकत्ता में काम कुछ खास नहीं बना। लेकिन गायक बनने का सपना जरूर पाल बैठे।

चालीस के दशक में दिल में गायक बनने का सपना लिए भारत भूषण मुंबई आ गये।मुंबई आने के बाद सर्वप्रथम भारत भूषण को केदार शर्मा की फिल्म ‘चित्रलेखा’ में एक छोटी सी भूमिका निभाने का मौका मिला। हालांकि फिल्म सफल रही लेकिन इसका फायदा निर्देशक केदार शर्मा को हुआ और भारत भूषण इस फिल्म के जरिये अपनी पहचान नही बना सके। वर्ष 1942 में भारत भूषण की एक पौराणिक फिल्म। ‘भक्त कबीर’ प्रदर्शित हुयी। उन दिनों कबीर जैसे विवादस्पद विषय पर फिल्म बनाना एक साहसिक कदम था। फिल्म की सफलता के बाद भारत भूषण फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कुछ हद तक कामयाब हो गये।

Exit mobile version