पटना, 11 नवंबर। बिहार विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और इसी के साथ बॉलीवुड एक्ट्रेस नीतू चंद्रा भी राज्य स्तरीय स्वीप आईकॉन के पद से हाथ धो बैठी हैं। अक्षय कुमार के साथ ‘गरम मसाला’ में नजर आईं नीतू चंद्रा तब मुश्किलों में घिर गईं जब बिहार विधानसभा चुनाव मतगणना वाले दिन वह टीवी चैनलों के साथ राजनीतिक बातें कर रही थीं और डिबेट में वह मोदी, नीतीश, डबल इंजन और जंगलराज की बातें करते हुए उनका वीडियो सामने आ गया। इस वीडियो के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने नीतू चंद्रा को बिहार चुनाव के ब्रांड एंबेस्डर पद से हटा दिया है।
स्वीप आईकॉन के पद से हटाई गईं नीतू चंद्रा
नीतू चंद्रा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा SVEEP आइकॉन चुनी गई थीं। वहीं चुनाव के नतीजों के दौरान नीतू चंद्रा टीवी डिबेट में खुलकर राजनीतिक मुद्दों, सरकार और राजनेताओं पर बात करती दिखीं। उन्होंने बातचीत के दौरान जंगलराज का दौर याद किया और अपनी बात रखी, जो चुनाव आयोग के साथ उनके कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन है। ऐसे में एक्ट्रेस को अब चुनाव आयोग ने स्वीप आईकॉन के पद से हटा दिया है। नीतू के साथ प्रकाश झा, चंदन रॉय और क्रांति प्रकाश को भी स्वीप आईकॉन बनाया गया था।
कौन हैं नीतू चंद्रा?
नीतू चंद्रा एक जानी-मानी अभिनेत्री, मॉडल और फिल्ममेकर हैं। वह थिएटर का भी हिस्सा रह चुकी हैं। नीतू चंद्रा ने 2005 में ‘गरम मसाला’ से डेब्यू किया था, जिसमें अक्षय कुमार और जॉन अब्राहम लीड रोल में नजर आए थे। इसके बाद नीतू 2007 में मधुर भंडारकर की ‘ट्रैफिक सिग्नल’ में भी नजर आई थीं। हालांकि, उनका फिल्मी करियर कुछ ज्यादा बड़ा नहीं रहा। उन्होंने अपने करियर में हिंदी के साथ ही दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी किस्मत आजमाई, लेकिन कुछ खास सफलता हासिल नहीं हुई। उन्हें आखिरी बार ‘कुछ लव जैसा’ में देखा गया था।
स्वीप आईकॉन के पद से क्यों हटाई गईं नीतू चंद्रा?
दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा जब किसी को किसी राज्य का स्वीप आईकॉन बनाया जाता है तो उन्हें अंडरटेकिंग दी जाती है कि स्वीप आईकॉन के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वह किसी भी तरह की राजनीतिक टिप्पणी, राजनीतिक गतिविधि, राजनीतिक मंच का प्रयोग या सामाजिक माध्यमों से चुनाव से संबंधित कोई भी अनाधिकृत टिप्पणी नहीं करेंगे। लेकिन, नीतू ने एक न्यूज चैनल पर बातचीत के दौरान राजनीतिक टिप्पणी कीं, जिसके चलते उन्हें स्वीप आईकॉन के पद से हटा दिया गया है।

