नई दिल्ली, 27 सितम्बर। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सुंदर सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) की 18 सदस्यीय स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की आखिरी खाली सीट निर्विरोध जीत ली क्योंकि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार कर रखा था।
कमेटी में अब AAP के मुकाबले भाजपा को 10-8 की बढ़त
भाजपा उम्मीदवार सुंदर सिंह को पार्टी के सभी 115 पार्षदों के वोट मिले जबकि AAP की निर्मला कुमारी को कोई वोट नहीं मिला क्योंकि पार्टी ने यह कहते हुए मतदान का बहिष्कार किया कि मतदान प्रक्रिया अवैध है। इसके साथ ही पैनल में अब भाजपा के 10 सदस्य हो गए हैं जबकि AAP के आठ सदस्य हैं।
पार्षद कमलजीत के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी सीट
भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। स्थायी समिति राष्ट्रीय राजधानी के नागरिक निकाय की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।
केजरीवाल का आरोप – भाजपा ने गलत तरीके से MCD पर कब्जा किया
इस बीच AAP सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने गलत तरीके से MCD पर कब्जा किया और जनादेश चुराया। दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक, केवल मेयर ही MCD सदन की बैठक बुला सकते हैं, लेकिन उप राज्यपाल ने इसे बदल दिया और नगर निकाय के एडिशनल कमिश्नर को ऐसा करने का निर्देश दिया। केजरीवाल ने भाजपा पर ‘गुंडागर्दी’ करने आरोप लगाते हुए पूछा, ‘क्या यह चुनाव है?’
AAP पार्षद सिर्फ 5 अक्टूबर को होने वाले चुनावों में भाग लेंगे
वहीं चुनावों से पहले, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मेयर शैली ओबेरॉय ने एलजी के आदेशों को ‘असंवैधानिक’ बताया और कहा कि AAP पार्षद केवल पांच अक्टूबर को होने वाले चुनावों में भाग लेंगे, जैसा कि गुरुवार के MCD सत्र में आधिकारिक तौर पर कहा गया था।
AAP ने स्थायी समिति चुनाव का बहिष्कार इसलिए किया
उल्लेखनीय है कि एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर गुरुवार देर रात जारी MCD कमिश्नर अश्विनी कुमार के आदेश के अनुसार, नाटकीय तरीके से मतदान प्रक्रिया के बीच, आखिरी खाली सीट के लिए चुनाव आज शुरू हुआ। चुनाव गुरुवार को होने वाला था। तब नहीं कराया गया और विरोध प्रदर्शनों के कारण MCD सत्र को मेयर शेली ओबेरॉय ने इस आधार पर पांच अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया कि पार्षदों को वोटिंग हॉल/मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।