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यूपी एमएलसी की दोनों सीटें भाजपा ने जीतीं, पदमसेन व मानवेंद्र ने सपा उम्मीदवारों को बड़े अंतरों से मात दी

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लखनऊ, 29 मई। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव की दोनों सीटें जीत ली हैं। सोमवार को दिन में हुए मतदान के बाद देर शाम परिणाम की घोषणा की गई और उम्मीदों के अनुरूप ही भाजपा के पदमसेन चौधरी व मानवेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशियों को करारी शिकस्त दे दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के दोनों प्रत्याशियों को जीत की बधाई दी है।

भाजपा का एक विधायक तोड़ने में सफल रही सपा

हालांकि भाजपा विधायकों से अंतरात्मा की आवाज पर सपा प्रत्याशियों को वोट देने का सपा का दांव तो काम नहीं आया, लेकिन खुश होने का कारण जरूर मिल गया है। एक विरोधी विधायक को अपनी पक्ष में करने में अखिलेश यादव सफल हो गए। सपा के पास 109 और रालोद के नौ यानी कुल 118 वोट थे। इनमें तीन विधायक नहीं पहुंचे। इसके बाद भी 115 की जगह 116 वोट हासिल हो गए।

403 में से 396 विधायकों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया

गौरतलब है कि एमएलसी लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे और बनवारी लाल के निधन के कारण रिक्त हुई सीटों पर दिन में वोटिंग हुई। 403 में से 396 विधायकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सात विधायक गैर हाजिर रहे।

पदमसेन ने रामकरन को 163 मतों से मात दी

निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मुशहिद ने बताया कि भाजपा के पदमसेन ने सपा के रामकरन को 163 वोटों से हराया। पदमसेन को 279 और रामकरन निर्मल को 116 वोट मिले। एक वोट अवैध हो गया।

मानवेंद्र ने रामजतन को 164 वोटों से हराया

वहीं, भाजपा के मानवेंद्र सिंह ने सपा के रामजतन राजभर को 164 वोटों से हराया। मानवेंद्र सिंह को 280 वोट और रामजतन सिंह को 116 वोट मिले। मानवेंद्र को भाजपा गठबंधन के 274 सदस्यों के अलावा सुभासपा के पांच सदस्यों और राजा भैया की पार्टी के वोट मिले। वोटों की गणित पर गौर करें तो सपा के प्रत्याशी को तय वोट से एक वोट ज्यादा हासिल हुआ। इससे जाहिर है कि यह भाजपा गठबंधन या सुभासपा की तरफ से आया है।

बसपा व कांग्रेस के विधायकों ने मतदान से बनाई दूरी

मतदान के दौरान सपा के तीन, कांग्रेस के दो, बसपा के एक और सुभासपा के एक विधायक का वोट नहीं पड़ा। सपा के तीन में से दो विधायक इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव जेल में होने से वोट नहीं डाल सके। सुभासपा का विधायक अब्बास अंसारी भी जेल में होने के कारण ही मतदान नहीं कर सके। इसके अलावा बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह और कांग्रेस के दोनों विधायकों ने मतदान से दूरी बना रखी थी।

विधानसभा में सदस्यों की स्थिति

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